आज के समय में स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना अनिवार्य हो गया है। जैसे डीमैट अकाउंट होने के बहुत सारे लाभ हैं, वैसे ही इसके कुछ नुकसान भी है।
पहले समय में जब डीमैट अकाउंट नहीं हुआ करते थे, तब लोगों को किसी भी कंपनी में निवेश करने पर शेअर सर्टिफिकेट मिलता था। यानी शेअर्स को भौतिक रूप में दिया जाता था। जिसे सही सलामत और बिना गुम किए रखने कि जिम्मेदारी निवेशकों को रखनी पड़ती थी।
लेकिन आज के समय में डिमैट अकाउंट कि वजह से यह झंझट खत्म हो गया है और आज हमारे शेअर्स को CDSL और NSDL के द्वारा डिजीटल रुप में रखा जाता है।
जिससे आज हमारी निवेश करने कि प्रक्रिया आसान और तेज हो गई है। डीमैट अकाउंट होने से आज निवेशकों को बहुत सारे लाभ हो रहे है लेकिन इसके कुछ खामियां यानी नुकसान भी है जिन्हें जानना जरूरी है।
इसलिए आज हम इस आर्टिकल को Demat Account के लाभ और कुछ नुकसान के बारे में जानेंगे।
डीमैट अकाउंट के फायदे। Benifits of Demat Account
डीमैट अकाउंट के होने से निवेशकों को कहीं सारे लाभ होते हैं। डीमैट अकाउंट निवेशकों के निवेश प्रक्रिया को आसान और जलद बनाने में काफी उपयोगी साबित होता है। डीमैट अकाउंट से हम ना सिर्फ़ शेअर्स में बल्कि गवर्नमेंट सिक्युरिटीज, Bond’s, ETF, Index Fund जैसे अलग अलग प्रकार के Investment Instrumat में भी निवेश कर सकते हैं।
डिमैट अकाउंट से निवेशकों को मिलने वाले लाभ कुछ इस प्रकार है :
1) आसान निवेश [ Investment ] :- डिमैट अकाउंट के होने से निवेशकों को निवेश करने में आसानी होती है। आज के समय कोई भी सामान्य व्यक्ति आसानी से डिमैट अकाउंट खोल कर स्टॉक मार्केट में निवेश कि शुरुआत कर सकता है। बिना डिमैट अकाउंट के आप स्टॉक मार्केट में आसानी से निवेश नहीं कर सकते।
2) पोर्टफोलियो प्रबंधन :- डीमैट अकाउंट से निवेश अपने Portfolio को एक ही जगह पर आसानी से मैनेज और ट्रैक कर सकते हैं। इससे निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो मैनेज कर सकते हैं।
3) स्टॉक ट्रेडिंग :- डिमैट अकाउंट निवेशकों को आसानी से शेअर्स की ट्रेडिंग करने कि सुविधा देता है। डीमैट अकाउंट होने से ट्रेडर्स आसानी से शेअर्स की खरीद और बिक्री कर पाते हैं।
4) Nominee :- स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का उपयोग करने का एक लाभ यह भी है कि स्टॉक ब्रोकर आपको अपने डीमैट अकाउंट पर Nominee यानी अपना वारिस रखने का सुविधा भी देता है। जिससे अगर आप को कुछ हो जाए तो आपके बाद इस अकाउंट को आपके वारिस के नाम किया जाएगा।
5) Auto Adjust :- जब कोई भी कंपनी शेअर्स को स्प्लिट करती है या बोनस शेअर्स देती है तो इसके तो शेअर के भाव ऑटोमैटिक एडजस्ट होते हैं और बोनस शेअर्स भी आपके डिमैट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं।
6) कम निवेश खर्च :- Demat Account पर निवेशकों को बहुत कम शुल्क या चार्जेस देने पड़ते हैं। जिससे कम खर्च में निवेश किया चा सकता है।
7) Use Multiple Devices :- डिमैट अकाउंट को आप अलग अलग Devices से आसानी से उपयोग कर सकते हैं। जैसे कि आप मोबाइल, लैपटॉप, टॅबलेट जैसे अलग अलग डिवाइसेज से अपने डिमैट अकाउंट को उपयोग कर सकते हैं।
8) IPO और गवर्नमेंट सिक्युरिटीज में निवेश के लिए :- डिमैट अकाउंट से आप ना सिर्फ शेअर्स में निवेश कर सकते हैं बल्कि नए नए आने वाले IPOs में और गवर्नमेंट कि अलग-अलग सिक्युरिटीज में भी निवेश कर सकते हैं। जैसे कि Treasury bills, Government Bonds Etc…
डीमैट अकाउंट के नुकसान। Disadvantage of Demat Account
जैसे डीमैट अकाउंट होने के बहुत सारे लाभ हैं वैसे ही इसके कुछ नुकसान भी है। जैसे कि कहीं बार लोग बिना किसी वजह से एक या एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोल लेते है। जिससे उनको बाद में नुकसान हो सकता है।
Demat Account के कुछ नुकसान इस प्रकार है :
1) AMC – Annual Maintenance Change :- एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट रखने का एक नुकसान यह है कि आप डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करते हो या ना करते हो आपको AMC – Annual Maintenance Change देना पड़ सकता है। जब भी आप किसी निष्क्रिय डीमैट अकाउंट को फिर से इस्तेमाल कि कोशिश करेंगे तब आपको अपने सारे चार्जेस को भरना पढता है।
2) कम टेक्निकल नॉलेज वालों के लिए कठिनाई :- कहीं सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें आज के समय भी इंटरनेट और इससे जुड़े डीमैट अकाउंट को चलाने का ज्यादा नॉलेज नहीं होता है। ऐसे लोगों के लिए डीमैट अकाउंट से शेअर्स की खरीद बिक्री करना कठिन हो जाता है।
3) सायबर सिक्योरिटी :- आज के समय जो भी चीज इंटरनेट से जुड़ी हो वह कभी भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकती है। क्योंकि हमारा डीमैट अकाउंट भी online digital रूप में होता है इसलिए इसपर भी सायबर अटैक होने की संभावना होती है। लेकिन इसके लिए हमें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके सायबर सुरक्षा कि जिम्मेदारी उचित एजेंसियों के द्वारा ली जाती है।
4) ज्यादा ट्रेडिंग की आदत :- क्योंकि डीमैट अकाउंट से आज आसानी से शेअर्स की खरीद बिक्री कि जा सकती है और मार्केट में चल रहे चढ़ उतार को हम आसानी से ट्रेक कर पाते हैं इसलिए आज हम बिना long term investing के ट्रेडिंग करने के आदि हो जाते हैं।
सारांश।
आज के समय में निवेश करने के लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट का होना बहुत जरूरी है। डिमैट अकाउंट से हमें बहुत सारी सुविधाओं का लाभ मिलता है। कहीं सारे लोग एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट भी खोलकर रखते हैं, क्योंकि उन्हें ट्रेडिंग करने और निवेश करने के लिए अलग-अलग अकाउंट्स की जरूरत होती है।
लेकिन अगर आपको ऐसे एक से ज्यादा डीमैट अकाउंट की आवश्यकता नहीं है और आप कोई डीमैट अकाउंट इस्तेमाल नहीं करते है, तो ऐसे अकाउंट से आपको नुक़सान झेलना पड़ सकता है। इसलिए आपको ऐसे निष्क्रिय डीमैट अकाउंट को बंद करना चाहिए।
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