Portfolio Meaning in Hindi | Stock Market में Share Portfolio क्या होता है?

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Portfolio का अर्थ। Portfolio meaning in Hindi
Portfolio Meaning

Meaning of Portfolio :- Portfolio का मतलब किसी व्यक्ति, संस्था या कंपनी ने निवेश किए सारे वित्तीय संपत्तियों का समूह होता है। यानी किसी व्यक्ति ने investment किए सारे Financial Assets के Collection को उस व्यक्ति का Financial Portfolio कहा जाएगा। इसी तरह किसी व्यक्ति के पास होने वाले शेअर्स के समूह यानी Stock Collection को उस व्यक्ति का Stock Portfolio या शेअर पोर्टफोलियो कहा जाता है।

Financial दुनिया में हम जब भी किसी कंपनी या निवेशक के संपत्ति या Investment के बारे में सुनते है तो इसके साथ हमें निवेशकों के Portfolio के बारे में भी ज़रूर कुछ ना कुछ सुनने को मिलता है।

जिन्हें investing की शुरुआत करनी है उन्हों पोर्टफोलियो के बारे में जानकारी होना जरूरी है।

इसलिए आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे Portfolio होता क्या? एक पोर्टफोलिओ किन किन चीजों से बनता है? कितने प्रकार के पोर्टफोलियो होते हैं? और पोर्टफोलियो बनाने से पहले हमें किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।

इसी तरह portfolio से जुड़े हर सवाल का जवाब आज हम इस आर्टिकल में देखेंगे।

Portfolio क्या होता है? What is Portfolio in Hindi

एक निवेशक द्वारा निवेश किए गए सारे वित्तीय संपत्तियों के संग्रह को उस व्यक्ति का portfolio कहा जाता है। जिसमें स्टॉक, बॉन्ड, Real estate ( REITs ), Gold, Mutual Fund, bank fixed deposits जैसे कोई भी संपत्ति हो सकती है। Portfolio से निवेशकों को उनके निवेश कि स्थिति और मूल्य के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है।

हर निवेशक का Portfolio अलग अलग हो सकता है। कोई भी व्यक्ति अपने हिसाब से अपना portfolio बना सकता है। जिसमें एक व्यक्ति अपने जोखिम लेने कि शमता, अपनी आर्थिक स्थिति, समय सीमा और अपने आर्थिक लक्ष्यों के आधार पर अपने लिए एक Portfolio बनाता है।

बहुत सारे Assets यानी संपत्तियों में निवेश करके एक अच्छा Portfolio बनाने का उद्देश्य अपने निवेश (Investment) के जोखिम को कम करना और ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमाना होता है। एक अच्छी तरह से मैनेज portfolio निवेशकों को अपने investment में विविधता लाने, investment के Risk को कम करने और निवेशक के आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।

एक व्यक्ति अपने वित्तीय जानकारी के आधार पर अपना पोर्टफोलियो बनाता है या किसी financial expert या सलाहकार से अपने लिए पोर्टफोलियो बनाता है। जिन्हें financial markets के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है वह किसी Asset Manegement कंपनी में अपना portfolio बना सकते हैं। जैसे कि आप किसी Mutual funds में निवेश कर सकते हैं।

Portfolio में कौन सी चीजें आती है? Components of a Portfolio?

Portfolio को मतलब ही होता है अलग अलग संपत्तियों का संग्रह, जिसमें एक निवेशक अलग-अलग संपत्तियों में निवेश करके अपना financial portfolio बनाता है।

अब यह Financial Portfolio में बहुत सारे Assets से बनता है। जो कुछ इस प्रकार से है :

1. Stocks

जब बात Portfolio बनाने की आती है तब निवेशकों के निवेश के लिए Stocks एक अच्छा और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने घटक है। स्टॉक का मतलब होता है स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनीयों का एक हिस्सा जिसे आप शेअर्स के नाम से भी जानते हैं।

एक निवेशक के पास एक से ज्यादा और अलग अलग कंपनीयों के शेअर्स यानी स्टॉक्स हो सकतें हैं। एक Investor के पास होने वाले Share के संग्रह (Collection) को उसका stock portfolio कहां जाता है।

स्टॉक्स में किए गए निवेश पर ज्यादा जोखिम होता है लेकिन इसी में ज्यादा रिटर्न मिलने कि संभावना भी होती है। Stock’s में निवेश करने के लिए एक निवेशक के पास स्टॉक मार्केट की अच्छी जानकारी होना आवश्यक है।

2. Bond’s

एक अच्छे Portfolio में Bond’s को भी एक महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता है। बॉन्ड्स या तो सरकार जारी करती है या कोई कॉरपोरेट कंपनी। सरकार ने जारी किए बॉन्ड्स को Government Bond’s कहा जाता है और कंपनी ने जारी किए बॉन्ड्स को Corporate Bond कहा जाता है।

Bond’s में निवेशक अपने पैसे Bonds जारी करने वाले को उधार के तौर पर देते हैं और इसके बदले निवेशकों को एक निश्चित ब्याज मिलता रहता है। जो ज्यादातर Fixed deposit से ज्यादा होता है। Bond’s में निवेश करना Stocks में निवेश करने से कम जोखिम होता है और इसका रिटर्न भी स्टॉक्स से कम होता है।

3. Real Estate

हर निवेशक अपने portfolio में Real Estate को शामिल करना चाहता है। इसमें एक निवेशक रियल एस्टेट प्रोपर्टी जैसे घर, commercial shops, villas, hotels, park या कोई Land में निवेश करता है।

इसमें निवेश करके एक निवेशक प्रोपर्टी को रेंट पर देकर अच्छा Rental income कमाता है। इसी के साथ प्रोपर्टी के प्राइज बढ़ने से भी उसे Profit हो सकता है।

Real Estate प्रोपर्टी में निवेश करने के लिए ज्यादा Capital कि जरुरत पड़ती है। इसलिए हर कोई अपने Portfolio में Real estate को शामिल नहीं कर सकता है। लेकिन अब आप REIT – Real Estate Investment Trusts में निवेश करके कम पैसों में भी real estate में निवेश कर सकते हैं।

4. Gold

Gold में निवेश करना यह भारत का सबसे पुराना और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है। भारत में शायद ही कोई निवेशक होगा जिसके Portfolio में Gold ना हो।

Gold में निवेश करने का सबसे बड़ा लाभ यह है यह आपके निवेश जोखिम को कम करता है।

भारत में आज भी वही पुराने तरीके से गोल्ड में निवेश किया जाता है‌। जिसमें सीधे शॉप में जाकर Gold Jwellery खरीदना है। इसका एक नुकसान यह है कि यहां पर आपको gold rate के उपर उसका मेकिंग चार्ज भी ज्यादा देना पड़ता है। जो किसी भी तरीके से अच्छे निवेश कि निशानी नहीं है।

Gold में रिटर्न्स के लिए निवेश करने का सही तरीका है exchange-traded funds (ETFs) में या government-backed Sovereign Gold Bonds (SGBs) निवेश करना।

5. Mutual Fund’s

जिन निवेशकों को ज्यादा financial markets और investment की जानकारी नहीं है उनके Mutual funds एक अच्छा विकल्प है अपना पोर्टफोलियो बनाने के लिए। Mutual funds फंड्स में आप अपने पैसे एक Mutual fund कंपनी को देते है जिनके पास Finance की अच्छी जानकारी रखने वाले Maneger होता है। जो आपके पैसों को अलग अलग Assets में निवेश करता है।

म्यूचुअल फंड्स बहुत सारे प्रकार के होते हैं। जिनमें आप Lump sum या SIP करके निवेश कर सकते हैं ‌।

इन पांच चीजें के अलावा भी एक निवेशक के पोर्टफोलियो में और भी अलग-अलग प्रकार के Financial Assets हो सकतें हैं। जैसे कि कोई Valuable Art, Fixed Deposit, Invoice Discounting, Treasury Bills, Crypto Currency, NFT Etc.

Portfolio के प्रकार। Types of Portfolio

जैसे की हमने शुरुआत में बताया हर निवेशक का Portfolio अलग अलग होता है। क्योंकि हर निवेशक की जोखिम लेने की शमता, अपने पोर्टफोलियो का उद्देश्य और portfolio से मिलने वाले रिटर्न्स कि अपेक्षा अलग अलग होती है। इन्हीं सारी चीज़ें के आधार पर Portfolio के अलग अलग प्रकार पड़ते हैं।

ज्यादातर पोर्टफोलियो इन पांच प्राकार के होते हैं :

Portfolio के प्रकार। Types of Portfolio in Hindi
Types of Portfolio

1. Aggressive Portfolio

aggressive portfolio का मतलब होता है आक्रामक पोर्टफोलियो यानी जिस पोर्टफोलियो में निवेशक ज्यादा जोखिम वाले Assets में निवेश करता है उस पोर्टफोलियो को हम aggressive portfolio कह सकते हैं। aggressive portfolio बनाने के पीछे का उद्देश्य अपने investment पर ज्यादा जोखिम लेकर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न्स कमाने कि अपेक्षा करना होता है।

इस तरह का पोर्टफोलियो उन लोगों के लिए अच्छा है जो ज्यादा जोखिम (Risk) सहन करने की शमता रखते हैं। जैसे कि युवा निवेशक जो ज्यादा रिस्क ले सकते हैं।

2. Conservative Portfolio

conservative portfolio वह पोर्टफोलियो होता है जिसमें निवेशक अपने portfolio में ज्यादातर कम जोखिम वाले संपत्ति में निवेश करता है। इस तरह के पोर्टफोलियो में ज्यादातर उन संपत्तियों को रखा जाता है जो फिक्स रिटर्न देते हैं या जिसमें कम जोखिम शामिल हो।

इस तरह के पोर्टफोलियो का उद्देश्य लंबे समय में अपने निवेश पर अच्छा रिटर्न कमाना होता है। जो कम से कम महंगाई के दर से ज्यादा हो। इस तरह के पोर्टफोलिओ को defensive portfolio यांनी रक्षात्मक पोर्टफोलियो के नाम से भी जाना जाता है।

इस तरह का portfolio उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो ज्यादा जोखिम लेना नहीं चाहते और जिनको लंबे समय में अच्छा रिटर्न कमाना है।

3. Income Portfolio

Income portfolio वह पोर्टफोलियो होता है जिस पोर्टफोलियो से निवेशक को रेगुलर income प्राप्त होती रहती है। यानी इस तरह के पोर्टफोलियो में निवेशक ज्यादातर ऐसे Assets में निवेश करते है जिनसे उन्हें एक फिक्स regular income प्राप्त हो सकें। इसमें रियल एस्टेट प्रोपर्टी में निवेश करके रेंटल income कमाना, ऐसे कंपनीयों के शेअर्स में निवेश करना जो रेगुलर डिविडेंड देती है और किसी debt securities में निवेश करना शामिल है।

इस तरह के पोर्टफोलियो का उद्देश्य regular income प्राप्त करना होता है भले ही इस निवेश से अच्छा रिटर्न ना मिले।

इस तरह का पोर्टफोलियो उन निवेशकों के लिए अच्छा है जिन्हें कम जोखिम में एक स्टेबल रेगुलर इनकम प्राप्त करनी है। जैसे कि कोई सेवानिवृत्त कर्मचारी या सीनियर सिटीजन जिन्हें अपने जीवन यापन खर्चों के लिए एक रेगुलर इनकम कि जरुरत होती है।

4. Speculative Portfolio

Speculative Portfolio का मतलब होता है सट्टा पोर्टफोलियो। सारे portfolio में से यह पोर्टफोलियो सबसे ज्यादा जोखिम भरा होता है।

इस पोर्टफोलियो में ज्यादा risky assets निवेश करके ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न कमाने की कोशिश की जाती है। जैसे कि इसमें नए नए लिस्टेड कंपनीयों में निवेश करना, IPO में निवेश करना, कम गुणवत्ता वाले जो ज्यादा रिटर्न दे रहे हैं ऐसे डिबेंचर्स या बॉन्ड्स में निवेश करना शामिल है।

इस तरह का पोर्टफोलियो किसी भी इंसान के लिए अच्छा नहीं है। इसलिए ऐसे संपत्तियों में निवेशकों अपने पोर्टफोलियो का सिर्फ थोड़ा सा हिस्सा ही निवेश करना चाहिए।

5. Hybrid Portfolio

Hybrid Portfolio का मतलब होता है मिक्स पोर्टफोलियो। यानी इस तरह के पोर्टफोलियो में ज्यादा जोखिम वाले संपत्ति के साथ कम जोखिम वाले संपत्ति में भी निवेश किया जाता है।

इस तरह के पोर्टफोलियो में हर प्रकार की संपत्ति में निवेश किया जाता है। जैसे कि ज्यादा जोखिम वालीं संपत्ति, कम जोखिम वालीं संपत्ति, Income assets, High risky assets Etc..

क्योंकि इसमें होने वाले ज्यादा रिस्की संपत्तियों से निवेशक को अच्छे रिटर्न्स मिलने कि संभावना होती है और कम जोखिम वाले संपत्ति से पोर्टफोलियो को एक सुरक्षा मिलती है।

इस तरह का पोर्टफोलियो उन लोगों के लिए अच्छा है जो थोड़े जोखिम के साथ थोड़ा ज्यादा रिटर्न्स कमाना चाहते हैं।

Portfolio Diversification क्या है‌। Diversified portfolio meaning and importance

अगर आपने portfolio के बारे में कहीं पर भी कुछ पढ़ा या सुना होगा तो इसके साथ आपने portfolio diversification या diversified portfolio के बारे में भी कुछ ना कुछ जरूर पढ़ा या सुना होगा। पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन करना हर बहुत जरूरी होता है। यह क्या होता और कैसे हम यह कर सकते हैं इसे हम आसानी से समझने कि कोशिश करते हैं।

portfolio diversification का मतलब होता है अपने पोर्टफोलियो में अलग अलग Assets में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। जिससे आपके निवेश के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

portfolio diversification मैं आप अपना ज्यादातर निवेश सिर्फ एक ही संपत्ति में ना लगाकर अलग अलग संपत्ति में लगाते है। जिससे अगर किसी संपत्ति में आपको नुकसान भी हो जाए तो आपके बाकी संपत्तियों में किया निवेश आपको ज्यादा लॉस होने से बचाता है।

Portfolio diversification में आप अलग अलग कंपनीयों के शेअर्स और अलग अलग सेक्टर में निवेश कर सकते हैं। इसी के साथ आप अपने पोर्टफोलियो में बॉन्ड, डिबेंचर्स, gold, Real estate जैसे अलग अलग संपत्तियों में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो को diversified portfolio बना सकते हैं।

Portfolio Management क्या है और क्यों जरूरी है?

जैसे पोर्टफोलियो को diversified करना जरूरी है वैसे ही Portfolio को रेगुलर समय में मैनेज करते रहना भी जरूरी होता है। Portfolio Management का मतलब ही होता है समय समय पर अपने पोर्टफोलियो को मैनेज करना यानी उसमें आवश्यक बदलाव करना।

Portfolio Management में निवेशक के वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए पोर्टफोलियो बनाना, पोर्टफोलियो को diversified करना, asset allocation करना, निवेश के समय सीमा को तय करना और समय समय पर इसमें आवश्यक बदलाव करना शामिल है।

Portfolio Management में एक निवेशक मार्केट में मिलने वाले अवसर का फायदा उठाकर निवेश करना, या जो निवेश ख़राब चल रहा है उसे अपने पोर्टफोलियो से हटाकर नए संपत्ति में निवेश करना जैसे काम आते है। एक अच्छा portfolio manager या निवेशक मार्केट कि स्थिति के आधार पर अपना पोर्टफोलियो मैनेज करता है।

Portfolio समय समय पर मैनेज करते रहने से आपका जोखिम कम होता है और रिटर्न्स बढ़ने कि संभावना बढ़ जाती है।

पोर्टफोलियो बनाने से पहले विचार करने योग्य बातें।

अगर आप अपना पोर्टफोलियो बनाने के बारे में सोच रहे हैं या बनाने वाले हैं तो आपको पोर्टफोलियो बनाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।

पोर्टफोलियो बनाने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें :

1. Financial Goals

किसी को भी पोर्टफोलियो बनाने से पहले अपना financial goal यानी वित्तीय लक्ष्य निश्चित करना जरूरी है। जिससे आप उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उस तरह का पोर्टफोलियो बना सकें।

उदाहरण के लिए अगर आपको कम समय में ज्यादा रिटर्न कमाने है तो आप aggressive portfolio बना सकते हैं। लेकिन अगर आपको लंबे समय में अच्छा रिटर्न कमाना है और कम जोखिम लेना है तो आप conservative portfolio बना सकते हैं वैसे ही अगर आप एक सेवानिवृत्त कर्मचारी या सीनियर सिटीजन है तो आप एक income portfolio के बारे में सोच सकते हैं जो आपको रेगुलर इनकम कमा के दे सकें।

2. Diversification

Portfolio में Diversification करना उतना ही जरूरी है जितना पोर्टफोलियो बनाना जरूरी है। Portfolio diversification क्या होता है यह हमने पहले ही देख लिया है।

Portfolio diversification से हमारे पोर्टफोलियो का जोखिम कम होने में मदद मिलती है। Portfolio diversification मैं हम एक ही संपत्ति में ज्यादा निवेश ना करके अलग अलग संपत्ति में थोड़ा थोड़ा निवेश करते है।

3. Investment Horizon

Investment Horizon का मतलब होता है आपके निवेश कि समय सीमा। आप अपने पैसों को कितने समय सीमा के लिए निवेश करना चाहते हैं यह निश्चित करना जरूरी है।

अगर आप एक युवा है तो आपके लिए यह समय ज्यादा हो सकता है, लेकिन अगर आप एक सीनियर सिटीजन है तो यह समय आपके लिए कम हो सकता है।

4. Asset Allocation

Portfolio बनाते समय Asset allocation भी एक महत्वपूर्ण घटक है जिसे Portfolio बनाने से पहले जानना जरूरी है।Asset allocation का मतलब होता है आप अपने पोर्टफोलियो में किस संपत्ति में कितना निवेश करने वाले हैं।

एक अच्छे Portfolio maneger के पास Asset allocation का अच्छा नॉलेज होता है। जो कम जोखिम वाले संपत्ति में ज्यादा निवेश करता है और ज्यादा जोखिम वाले संपत्ति में कम निवेश करता है। जिससे आपके पोर्टफोलियो में लॉस होने की संभावना बहुत हद तक कम हो जाती है।

सारांश।

Portfolio का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, संस्था या कंपनी द्वारा निवेश किए गए सारे वित्तीय संपत्तियों का समूह यानी कलेक्शन होता है। हर व्यक्ती का पोर्टफोलिओ अलग अलग हो सकता है। हर व्यक्ति अपने हिसाब से अपना portfolio बना सकता है।

पोर्टफोलियो बनाते समय हम अलग अलग चीजों के बारे में ध्यान रखकर अपने पोर्टफोलियो के जोखिम को कम कर सकते हैं और अधिक से अधिक रिटर्न जनरेटर कर सकते हैं।

FAQ About Portfolio

  1. Portfolio का मतलब क्या होता है?

    Portfolio का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, संस्था या कंपनी द्वारा निवेश किए गए सारे वित्तीय संपत्तियों का समूह यानी कलेक्शन।

  2. Portfolio कितने प्रकार के होते हैं?

    पोर्टफोलियो के प्रमुख पांच प्रकार के होते हैं। जो कुछ इस प्रकार से है :
    1) Aggressive Portfolio
    2) Conservative Portfolio
    3) Income Portfolio
    4) Speculative Portfolio
    5) Hybrid Portfolio

  3. Portfolio diversification का मतलब क्या होता है?

    portfolio diversification का मतलब होता है अपने पोर्टफोलियो में अलग अलग Assets में निवेश करके अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाना है। जिससे आपके निवेश के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

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