ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस क्या होता है? StopLoss Meaning in Hindi

स्टॉप लॉस का अर्थ क्या है? Stoploss Meaning in Hindi

ट्रेडिंग में Stoploss वह कीमत होती है जिसका उपयोग ट्रेडर्स अपने लॉस को सीमित करने के लिए और ट्रेड से बाहर निकलने के लिए निर्धारित करते है।

जब भी हम किसी Trader से Trading के बारे में सुनते हैं तब हमें कहीं सारी चीज़ें के बारे में भी सुनने को मिलता है, जिसमें वह stoploss के बारे में भी बहुत ज्यादा बात करते है।

इसी स्टॉप लॉस के बारे में आज हम जानकारी लेने वाले हैं। कि स्टॉप लॉस होता क्या है? क्यों ट्रेडिंग में Stoploss इतना जरूरी होता है? Stoploss के लाभ क्या हैं? कैसे हम स्टॉपलॉस लगा सकते हैं?

स्टॉप लॉस का मतलब | Stoploss Meaning in Hindi

Stock Market Trading में जब भी कोई ट्रेडर ट्रेड लेता है तब उसे दो चीज़ें को पहले से तय करना होता है। 1. Target Price 2. Stoploss Price जिसे Stoploss Target Price भी कहते हैं।

इसमें Target Price वह कीमत होती है जिस कीमत पर शेअर जाने पर ट्रेडर अपना profit लेकर ट्रेड से बाहर निकलता है।वहीं पर stoploss price वह कीमत होती है जिस कीमत पर ट्रेड अगर loss/नुकसान में चला जाए तो एक निश्चित सीमा पर ट्रेडर ट्रेड से बाहर निकले।

यानी ट्रेडिंग में अपने लॉस को सीमित करने के लिए निश्चित कि गई Price को ही Stoploss कहा जाता है। स्टॉप लॉस trading में ज्यादा लॉस से बचने के लिए ट्रेडर्स द्वारा उपयोग होने वाला एक उपाय है। जो उनके loss/ नुकसान को सीमित रखता है।

स्टॉप लॉस का उदाहरण | Example Of Stoploss in Hindi

Stoploss को और अच्छे से हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं।

मान लीजिए एक ट्रेडर ने ABC Limited कंपनी के शेअर्स 100 रूपए में खरीदें और यह तय किया कि यह शेयर्स अगर 110 रूपए पर गए तो उन्हें बेचकर profit book करूंगा और अगर यह शेअर्स 95 रूपए पर गए तो उन्हें Loss यानी नुकसान में बेचकर और नुकसान होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलूंगा।

तो यहां पर उस ट्रेडर के लिए 110 रूपया उसकी Target Price है जिसपर वह प्रॉफिट लेकर ट्रेड से बाहर निकलना चाहता है, वहीं 95 रूपए उसके लिए stoploss होगा जिस कीमत पर वह लॉस को सीमित रखकर ट्रेड से बाहर निकलना चाहेगा।

स्टॉपलॉस के प्रकार | Types Of Stoploss in Hindi

ट्रेडिंग में Stoploss एक ऐसी चीज़ है जिसका उपयोग अगर सही तरीके से किया जाए तो यह हमारी ट्रेडिंग profitability को बहुत अच्छे से बढ़ा सकता है और हमें बडे़ बडे़ लॉस से भी बचा सकता है। स्टॉपलॉस आमतौर पर दो प्रकार के होते है। जो कुछ इस प्रकार है :

  1. Normal Stoploss : यह वह stoploss है जिसे ज्यादातर बार उपयोग किया जाता है। इसमें ट्रेडर एक निश्चित कीमत पर शेअर्स जाने पर ट्रेड से बाहर निकलता है। यह stoploss price ट्रेडर द्वारा निश्चित एक स्थिर प्राइज होती है जिसे वह बदलता नहीं है।
  2. Trailing Stoploss : ट्रेलिंग स्टॉपलॉस नॉर्मल stoploss से थोड़ा अलग होता है। इसमें ट्रेडर का ट्रेड अगर profit में चल रहा हो और उसे और ज्यादा प्रॉफिट की आशा हो तो ऐसे में ट्रेडर अपना stoploss को बदलता रहता है और अपनी wining side कि और बढ़ाता जाता है। जिससे पहले से हुएं profit को निश्चित किया जा सकें..

स्टॉपलॉस के लाभ | Benifits Of Stoploss in Hindi

Trading में Stoploss के लाभ कि बात करें तो इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमारे ट्रेडिंग में होने वाले बड़े बड़े नुकसान को सीमित करने का काम करता है। इसके अलावा भी इसके कहीं लाभ है तो कुछ इस प्रकार है :

  • Stoploss का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमारे नुकसान को सीमित करता है और हमें बड़े लॉस होने से बचाता है।
  • Stoploss के सही इस्तेमाल से हम हमारे ट्रेडिंग profitability को बढ़ा सकते हैं।
  • सही स्टॉपलॉस लगाने से हमारी ट्रेडिंग सायकोलॉजी सही है काम करती है। नहीं तो ज्यादा लॉस को देखकर हमसे और गलतियां होने लगती है।
  • Stoploss Order का एक उपयोग यह भी है कि इसे हम अपने सिस्टम में लगाकर छोड़ सकते हैं। जिससे हमें पुरे ट्रेड के समय स्क्रीन के सामने बैठने कि जरुरत नहीं होती।

स्टॉपलॉस कि कमियां | Limitations Of Stoploss in Hindi

ट्रेडिंग में Stoploss भले ही हमारे लिए कितना भी अच्छा हो लेकिन इसकी भी कुछ कमियां या कहें limitations है। जो कुछ इस प्रकार है :

  • ट्रेडिंग करते समय कहीं बार ज्यादा volatility यानी अस्थिरता के कारण price ज्यादा move होती है। जिस वजह से कहीं बार Stoploss Target Price पर ट्रिगर नहीं हो पाती और ट्रेडर्स को नुकसान झेलना पड़ता है।
  • इसी तरह stoploss को लेकर ज्यादातर ट्रेडर्स का एक ही दुख यह भी है कि ज्यादा अस्थिरता के कारण कहीं बार price स्टॉपलॉस को हिट करने के बाद ट्रेड के Target Price तक जाती है। जिससे ट्रेडर्स उस होने वाले प्रॉफिट से चुक जातें हैं।

इस तरह stoploss के कुछ लाभ है तो इसकी कुछ कमियां भी है।

स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है?

वैसे stoploss को लगाने का ऑप्शन हर स्टॉक ब्रोकर अपने app में देता है। जिसके उपयोग हम आसानी से स्टॉपलॉस लगा सकते हैं।

लेकिन स्टॉपलॉस कहा पर लगाया जाए यह कोई भी निश्चित तरीके से नहीं बता सकता है। क्योंकि ट्रेडिंग स्ट्रेटजी, ट्रेडिंग सेटअप, candlestick pattern, price action इसके आधार पर stoploss को लगाया जाता है।

फिर भी अच्छे स्टॉपलॉस कि बात करें तो ट्रेडर्स के लिए व stoploss अच्छा है जिसमें रिस्क कम से कम हो और प्रॉफिट की संभावना ज्यादा से ज्यादा हो। जैसे कि 1:3, 1:4 Etc..

सारांश।

ट्रेडिंग में Stoploss वह कीमत होती है जिसका उपयोग ट्रेडर्स अपने लॉस को सीमित करने के लिए और ट्रेड से बाहर निकलने के लिए निर्धारित करते है। यानी ट्रेडिंग में अपने लॉस को सीमित करने के लिए निश्चित कि गई Price को ही Stoploss कहा जाता है। स्टॉपलॉस trading में ज्यादा लॉस से बचने के लिए ट्रेडर्स द्वारा उपयोग होने वाला एक उपाय है। जो उनके loss/ नुकसान को सीमित रखता है।

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