Liabilities – Meaning, Types and Example in Hindi

Liabilities - Meaning, Types and Example in Hindi

Liabilities किसी व्यक्ती या कंपनी के लिए वह कर्ज या कहें आर्थिक देनदारी होती है जिसे भविष्य में उन्हें किसी और को चुकाना है। किसी कंपनी के पास दो तरह कि लायबिलिटीज हो सकती है। जिसमें current liabilities और non-current liabilities शामिल है।

जब हम accounting में कंपनी के balance sheet को पढ़ते हैं, तब हमें उसमें assets और liabilities के बारे में देखने को मिलता है। Assets में तो कंपनी कि संपत्तियां शामिल होती है।

लेकिन liabilities क्या होती है? कितने प्रकार कि liabilities होती है? Liabilities में कौन कौन सी चीजें शामिल होती है और लायबिलिटीज और एसेट्स में क्या अंतर होता है? इन सारे सवालों के जवाब आज हम इस आर्टिकल में देखेंगे।

Liabilities का अर्थ। Liabilities Meaning in Hindi

किसी व्यक्ति या कंपनी के लिए Liabilities वह आर्थिक दायित्व या ऋण है, जिसे उन्हें बाद में किसी को चुकाना है। यह एक कर्ज़ या कहें आर्थिक बकाया होता है।
Definition Of Liabilities

Liabilities का मतलब। what is Liabilities in Hindi

Liabilities किसी भी कंपनी के Balance Sheet में होने वाली महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। इसमें कंपनी के कर्ज़ और बाकी देनदारियों को दिखाया जाता है। यह कंपनी के उन आर्थिक दायित्व और कर्ज़ को दिखाता है, जिसे कंपनी आनेवाले समय में किसी को चुकाने वाली है।

कंपनी के लिए Liabilities एक तरह का खर्च होता है जिसे वह भविष्य में करने वाली है। जिनका उद्देश्य देनदारियों का बकाया चुकाना है। किसी भी कंपनी की liabilities उस कंपनी के आर्थिक स्थिति के समझने में हमारी मदद कर सकतीं हैं।

Liabilities में कंपनी के का कर्ज़, ब्याज, टैक्स, Provision, trend payable जैसी देनदारियों को दिखाया जाता है।

Liabilities के उदाहरण। Examples of Liabilities

लायबिलिटीज को अगर उदाहरण के साथ समझे तो कंपनी ने कही से लिया कर्ज़ हो या उस कर्ज़ पर लगने वाला ब्याज हों जो कंपनी को एक निश्चित समय में चुकाना है वह कंपनी के लिए एक Liabilitie होता है।

example of liabilities in company balance sheet
example of liabilities in balance sheet

इसके अलावा कंपनी के बैलेंस शीट में अलग-अलग तरह कि लायबिलिटीज हो सकती है। जो कुछ इस प्रकार है :

  • Long-term debt
  • Accounts payable
  • Income taxes payable
  • Dividends payable
  • Interest Payable
  • Warranty Liability

Liabilities के प्रकार। Types of Liabilities

किसी भी कंपनी के balance sheet में हमें दो तरह कि लायबिलिटीज देखने को मिलती हैं। जो कुछ इस प्रकार है :

1. Current Liabilities

करंट लायबिलिटीज किसी कंपनी के लिए वह liabilities होती है, जिसे कंपनी को एक साल या उससे कम समय में चुकानी है। यानी कंपनी के ऊपर कि एसी देनदारियां जिन्हें एक साल के अंदर चुकाना है।

करंट लायबिलिटीज को short term liabilities भी कहा जाता है।

इस तरह के लायबिलिटीज में short term loan, account payable, income tax payable और अगर कंपनी dividend जारी करती है तो Dividend शामिल है।

2. Non-Current Liabilities

नॉन करंट लायबिलिटीज किसी कंपनी के लिए वह liabilities होती है, जिसे चुकाने के लिए कंपनी के पास अधिक समय है। यानी जिन liabilities को चुकाने के लिए कंपनी के पास एक साल या उससे ज्यादा का समय हो ऐसी लायबिलिटीज को non current liabilities कहा जाता है।

क्योंकि इन लायबिलिटीज को चुकाने के लिए कंपनी के पास बहुत समय होता है इसलिए इसे long term liabilities भी कहा जाता है।

इस तरह के लायबिलिटीज में Long-term debt, Mortgages, Pensions, Warranty Liability जैसे देनदारियां आती है।

Liabilities vs Assets

कंपनी के balance sheet को समझने के लिये हमें assets or liabilities को अच्छे से समझना जरूरी है।

Liabilities और Assets के बीच का अंतर कुछ इस प्रकार है :

LiabilitiesAssets
Liabilities में वह चीज़ें आती है जो किसी व्यवसाय के लिए क़र्ज़ या देनदारी है।Assets में वह चीज़ें आती है जो भविष्य में किसी व्यवसाय के लिए लाभ प्रदान करेगी।
Liabilities किसी भी बिजनेस की Value कम करते है।वहीं Assets किसी भी बिजनेस की Value बढ़ाते है।
Liabilities का Formula
Liabilities = Assets – Shareholder’s Equity
Asset का Formula
Assets = Liabilities + Shareholder’s Equity
liabilities किसी व्यवसाय से cash को बाहर करने का काम करते हैं।वहीं Assets किसी भी व्यवसाय के लिए cash यानी पैसा उत्पन्न करने में मदद करते हैं।
liabilities के प्रकारों में current liabilities और non-current liabilities आती है।Assets के प्रकारों में current assets, non-current assets, tangible Assets, intangible assets आते है।
Liabilities में Accounts payable, Interest payable, Deferred revenue etc जैसी चीजें आती है।Assets में Cash, Account Receivable, Goodwill, Investments, Building, etc. जैसी चीजें आती है।
Liabilities vs Assets

सारांश।

किसी व्यक्ति या कंपनी के लिए Liabilities वह आर्थिक दायित्व या ऋण है, जिसे उन्हें बाद में किसी को चुकाना है। यह एक कर्ज़ या कहें आर्थिक बकाया होता है। Liabilities में वह चीज़ें आती है जो किसी व्यवसाय के लिए क़र्ज़ या देनदारी है। जिसमें कर्ज़, ब्याज, टैक्स, Provision, trend payable जैसी चीजें आती है।

FAQ About Liabilities in Hindi

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