SlB क्या है? What is SlB in stock market in Hindi

what is slb meaning in stock market
SLB Meaning in Hindi

SLB का Full Form – Security Lending and Borrowing होता है। यह एक साधन है जिसके जरिए निवेशक अपने शेअर्स उधार दे सकते हैं या उधार ले सकते है। इसके जरिए निवेशक अपने शेअर्स को उधार देकर एक Fixed Extra Income कमा सकते है।

आज के समय में हर कोई अपने पैसों से Extra Return कमाने के लिए उन्हें कहीं ना कहीं निवेश करना चाहता है और ऐसे में निवेशकों को अच्छे रिटर्न के लिए स्टॉक मार्केट पहली पसंद बन गया है। इसलिए हर कोई स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहा है।

लेकिन क्या आपको पता है आप स्टॉक मार्केट में बिना रिस्क के भी अपने पास पड़े शेअर्स से कुछ एक्स्ट्रा रिटर्न कमा सकते है। जिसमें आप अपने पास मौजूदा शेअर्स को उधार देकर 5% से 10% तक का extra return कमा सकते है।

SLBM क्या है? what is SLBM ?

SLBM यानी Stock Lending And Borrowing Mechanism एक ऐसा साधना है जिसके जरिए एक निवेशक अपने शेअर्स किसी को उधार दे सकता है और एक ट्रेडर जिसे शेअर्स की जरूरत है वह शेअर्स को उधार ले सकता है।

यानी इसके जरिए निवेशक स्टॉक मार्केट में अपने शेअर्स को उधार दे कर interest के रूप में कुछ extra return कमा सकते है। इसी तरह किसी ट्रेडर को अगर किसी कंपनी के शेअर्स की जरूरत पड़ती है तो वह उसे उधार के तौर पर भी ले सकता है। ऐसे शेअर्स के उधार देने और लेने के साधन को ही stock market में SLBM कहा जाता है।

SLB एक कानूनी तौर पर मान्यता प्राप्त साधन है। जिसे 1997 में SEBI द्वारा बनाया गया था। जिसमें Qualified Foreign Investor (QFI) को छोड़कर सभी को भाग लेने की अनुमति है।

SLB के ट्रांजेक्शन करने की अनुमति सिर्फ Authorise यानी अधिकृत intermediate के पास है। अभी भारत में फिलहाल दो ही intermediate है। एक NCL- National Securities Clearing Corporation Limited (NSCCL) जो NSE का intermediate है और दूसरा Indian Clearing Corporation Limited (ICCL) जो BSE का intermediate है।

SLB कैसे काम करता है? How does SLB work?

SLBM एक तरीके से निवेशकों को अपने शेअर्स उधार देने का और ट्रेडर्स को शेअर्स उधार लेने में मध्यस्थता का काम करता है। SLB में होने वाली लेनदेन में कुछ निश्चित ब्याज दर और समय सीमा होती है।

इसमें Lender यानी जिसे शेअर्स उधार देने है वह ब्रोकर के पास अपनी ऑर्डर डालता है। जिसमें शेअर्स कि Quantity, कितने समय सीमा के लिए शेअर्स उधार देने है वह समय और उसपर अपेक्षित ब्याज दर यह सारी जानकारी होती है।

इसी तरह एक ट्रेडर जिसे शेअर्स उधार लेने है वह अपनी ऑर्डर में कितने शेअर्स उधार लेने है उनकी Quantity, कितने टाइम के लिए लेना है और वह उन शेअर्स के लिए कितना ब्याज चुकाने के लिए तैयार है यह सारी जानकारी देता है।

जब स्टॉक एक्सचेंज पर lender यानी जो शेअर्स उधार देने वाला है और Borrower जो शेअर्स उधार लेने वाला है इन दोनों के ब्याज दरों की मैचिंग होती है तो उन दोनों की ऑर्डर एग्जिक्यूट ( Execute ) हो जाती है। यह कुछ हद तक स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही काम करता है।

यह सुनिश्चित करने के लिए की lender यानी उधार देने वाला अपनी ऑर्डर को डिफॉल्ट ना करें उसे स्टॉक एक्सचेंज को अपने शेअर्स के Total value का 25% मार्जिन के रूप में देना पड़ता है। जैसे ही उसके Demat Account से शेअर्स उधार लेने वाले के अकाउंट में जाते हैं वैसे ही उसका 25% मार्जिन उसे वापिस मील जाता है।

SLB में Borrower यानी जो शेअर्स उधार लेने वाला है उसे स्टॉक एक्सचेंज को जितने शेअर्स उधार लेने है उसका 125% मार्जिन देना पड़ता है। ताकि Borrower कोई default ना कर सके। जब उधारकर्ता शेअर्स को बेच देता है तो उसके 125% मार्जिन में से 25% का ही उपयोग होता है। लेकिन खरीदते समय उसे 125% मार्जिन रखना अनिवार्य होता है।

borrower यानी उधारकर्ता के डिफॉल्ट करने की संभावना को कम करने के लिए हर दिन मार्जिन पर MTM ( mark to market ) लगाया जाता है। Contract पुरा होने के बाद lender को उसके शेअर्स वापिस मिल जाते है। और borrower का मार्जिन रिलीज हो जाता है।

SLBM के फायदे | Benefits Of SLBM

SLBM से ना सिर्फ lender को फायदा होता है बल्कि borrower को भी इसका लाभ होता है।

Benefits for Lenders

  • Lender को अपने Portfolio से कुछ extra return मिलने में मदद मिलती है।
  • SLB के सारे ट्रांजेक्शन के बीच में NSCCL जैसा Intermediate होने के कारण इसमें डिफॉल्ट होने की संभावना नाही होती।
  • SLB में उधार देने के दौरान शेअर्स के सभी कॉरपोरेट एक्शन पर lender का अधिकार होता है।
  • इसमें Lender को किसी भी तरह से counter-party risk नहीं होता है।

Benefits of Borrowers

  • SLB के जरिए Borrowers शॉर्ट सेलिंग के लिए शेअर्स उधार ले सकता है जो डेरिवेटिव मार्केट में उपलब्ध नहीं है।
  • SLB के जरिए Borrowers को मार्केट में तैयार होने वाली आर्बिट्राज Opportunity का फायदा उठाने का मौका मिलता है।
  • Borrowers को SLB के जरिए अपने ट्रेड में हेजिंग करने में मदद मिलती है।
benefits of Stock Lending and Borrowing Mechanism
Benefits of SLBM

ट्रेडर्स शेअर्स को उधार क्यों लेते है? Why traders borrow shares?

ट्रेडर को शेअर्स को उधार लेने के बहुत सारे फायदे होते हैं जैसे कि हमने ऊपर देखा। लेकिन इसे आसानी से समझने के लिए हम एक उदाहरण से समझेंगे कि कैसे एक ट्रेडर शॉर्ट सेलिंग करने के लिए SLB का उपयोग करता है।

उदाहरण के लिए मानते हैं ABC कंपनी के शेअर कि प्राइज अभी मार्केट में 100 रूपए चल रही है और ट्रेडर को लगता है कि इस कंपनी के शेअर्स की प्राइज अगले कुछ दिनों में गिरकर 90 रूपए होने वाली है।

तो इस केस में वह ट्रेडर ABC कंपनी के 1000 शेअर्स को उधार लेकर मार्केट में 100 रूपए के भाव से बेचता है और जब ABC कंपनी के शेअर्स की प्राइज 90 रूपए हो जाती है तो वह उन्हें 90 रूपए में खरीद लेता है।

यानी उस ट्रेडर को हर शेअर के पीछे 10 रूपए का प्रोफिट होता है। क्योंकि उसने 1000 शेअर्स को बेचकर खरीदे थे इसलिए उसे 1000×10 = 10,000 रूपए का प्रोफिट होता है। इस दस हजार में से ट्रेडर lender को यानी जिसने शेअर्स उधार दिए थे उसे 4000 रूपए ब्याज के रूप में देता है। जिससे lender को फायदा होता है। बाकी का बचा हुआ 6000 रूपए का प्रोफिट Borrower का यानी उधार लेने वाले का होता है।

शेअर्स को उधार लेने का यह एक कारण था इसके अलावा भी कुछ और कारण भी हो सकते हैं जैसे आर्बिट्राज opportunity जिसमें किसी कंपनी की शेअर से उसके फ्युचर की प्राइज कम होना, या हेजिंग के लिए शेअर्स को उधार लाना यह कुछ कारण हो सकते हैं।

SLB की कमियां। Limitations of SLB

निवेशकों के लिए SLB एक उपयोगी साधन है अपने शेअर्स से कुछ एक्स्ट्रा रिटर्न कमाने का लेकिन इसकी भी कुछ मर्यादाएं है।

SLB की कुछ सीमाएं जो कुछ इस प्रकार है।

  • High Money required :- SLB के जरिए अपने शेअर्स को उधार देने के लिए यानी lend करने के लिए आपके पास कम से कम किसी कंपनी के 1 लाख रुपए के शेअर्स होने चाहिए। यानी अगर जिस कंपनी के शेअर्स आपको उधार देने है उस कंपनी के शेअर्स की वैल्यू एक लाख से कम है तो आप शेअर्स को उधार नहीं दे सकते।
  • Limited Stocks :- आप सिर्फ F&O सेगमेंट में ट्रेड होने वाले शेअर्स को ही SLB के जरिए उधार ले सकते हैं या उधार दे सकते हैं। यानी जो शेअर्स Futures and Option सेगमेंट में नहीं है उनमें आपको SLB उपयोग नहीं कर सकते।
  • No trading Platform :- SLB का उपयोग करने के लिए कोई ट्रेडिंग विंडो उपलब्ध नहीं है। यानी अगर आपको SLB का उपयोग करना हो तो आपको अपने ब्रोकर को emali के जरिए बताना होगा और इसी मेल है आपको शेअर्स, ब्याज, कितने शेअर्स का ट्रेंड लेना यह सारी जानकारी देनी होगी।
  • Low Liquidity :- SLB ज्यादा लोकप्रिय (Popular) ना होने के कारण इसमें हमें ज्यादा liquidity देखने को नहीं मिलती है। जिस वजह से अगर आप शेअर्स उधार देते भी है तो उसके लिए कोई खरीदार मिलेगा ही यह कह नहीं सकते।

What is Series A and B in SLB ?

आपको बता दें कि SLB के लिए उपलब्ध स्टॉक F&O सेगमेंट में से होते है और F&O सेगमेंट हर महीने के कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जो हर महीने Expir होते है।

अब इसमें सिरिंज A और B को समझते है।

Series A में वह कंपनियां आती है जिनकी Annual general meeting या Extra ordinary general meeting उसके contract Expiry date से पहले होती जिस वजह से उसका contract expiry date से पहले ही क्लोज़ हो जाता है।

लेकिन सिरिज B में ऐसा नहीं होता है। Series B में आने वाली कंपनीयों के Contract उसके expiry date के टाइम पर ही Expir होते है। इसलिए हमें series B में ज्यादा Liquidity देखने को मिलती है।

SLB का उपयोग कैसे करें। How to use SLB in zerodha?

Zerodha में आप SLB सुविधा का लाभ उठा सकते है। लेकिन इससे पहले आपको अपने डिमैट अकाउंट में SLB सेगमेंट को एक्टिवेट करना होगा।

जिसके लिए आपको zerodha में अपना POA – Power Of Attorney सबमिट करना होगा। अगर आपका पहले से ही सबमिट है तो आप जेरोधा के कंसोल में जाकर टिकिट रेज कर सकते हैं।

टिकिट रेज करने के बाद 48 घंटों में आपका SLB सेगमेंट एक्टिवेट हो जाएगा। जिसके बाद आप जो शेअर्स उधार देना चाहते है उसकी सारी जानकारी अपने ब्रोकर को email से बतानी होगी। उसके बाद ब्रोकर आपकी ऑर्डर पुरी करेगा।

Zerodha में SLB शेअर्स बेचने पर आपको रू13.5 + GST चार्ज लगेगा। Zerodha में SLB ऑर्डर पुरी करने पर आपको उसपर 20% processing fees देनी होगी।

अगर आप किसी और ब्रोकर का डिमैट अकाउंट का इस्तेमाल करते है तो आप अपने ब्रोकर के कस्टमर केयर से SLB सुविधा उपलब्ध है या नहीं पुछ सकते है। अगर SLB सुविधा ना हो तो आप Zerodha Demat Account ओपन कर सकते है।

समापन

तो दोस्तों इस तरह आज हमने देखा SLB क्या होता है। कैसे यह काम करता है। कैसे निवेशक इससे कुछ एक्स्ट्रा रिटर्न कमा सकते है।

FAQ

  1. SLB से कितना रिटर्न मिलता है?

    SLB में शेअर्स को उधार देकर निवेशक 2% से 10% तक रिटर्न कमा सकता है।

  2. SLB में कितने दिनों के लिए शेअर्स उधार देने पड़ते है?

    SLB में 1 महिने से लेकर एक साल तक शेअर्स को उधार दिया जा सकता है।

  3. SLB में किन शेअर्स को उधार दे सकते हैं?

    SLB में F&O सेगमेंट के शेअरों को उधार दिया जा सकता है।

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