SIP Meaning in Hindi | SIP क्या है? कैसे शुरू करें? SIP की पूरी जानकारी।

sip kya hai? sip कैसे शुरू करें? SIP Meaning in Hindi

SIP का अर्थ होता है Systematic Investment Plan जो लोगों को सिस्टेमेटिक तरीके से म्यूचुअल फंड्स या स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सुविधा देता है।

आज के समय हर कोई अपने पैसों को कहीं ना कहीं invest यानी निवेश कर रहा है। जिससे उन्हें अपने पैसों पर और ज्यादा पैसा कमाने में मदद मिलती है।

लेकिन जब बात पहली बार निवेश कर रहे लोगों की आती है जिन्होंने अभी तक कहीं भी निवेश नहीं किया है तो ऐसे लोगों को कहीं लोग SIP में निवेश करने की सलाह देते हैं।

इसी के साथ जिन लोगों को निवेश की शुरुवात करनी है लेकीन Investment की ज्यादा जानकारी नहीं है और ना ही इतना समय है कि वह इन सारी बातों को सीख कसे तो ऐसे लोगों के लिए भी S I P निवेश का एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

इसलिए आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे SIP होती क्या है? SIP काम कैसे करती है? SIP में निवेश के Risk और Benefits क्या है? कैसे हम SIP की शुरुआत कर सकते है और हमारे लिए Best SIP Fund कैसे चुन सकते हैं। SIP से जुड़े ऐसे ही हर सवाल का जवाब आज हम इस आर्टिकल में देने की कोशिश करेंगे।

SIP क्या है? SIP meaning in Hindi

SIP का अर्थ होता है सिस्टेमेटिक तरीके से अपने पैसों को कहीं पर invest करना यानी निवेश करना। SIP एक निवेश करने का तरीका है जिसमें एक व्यक्ति अपना थोड़ा थोड़ा पैसा एक निश्चित समय अंतराल में म्यूचुअल फंड या स्टॉक मार्केट में निवेश करता रहता है। यह अंतराल साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, वार्षिक हो सकता है।

SIP के जरिए कोई भी व्यक्ति सीधे तौर पर स्टॉक मार्केट में निवेश नहीं करता है। इसके लिए आप एक Asset management कंपनी यानी किसी म्युचुअल फंड कंपनी के जरिए SIP की शुरुआत कर सकते हैं।

भारत में बहुत सारी म्युचुअल फंड कंपनीज़ है जो निवेशकों को अलग अलग प्रकार के म्युचुअल फंड्स उपलब्ध कराते हैं।

इन म्युचुअल फंड कंपनीज़ के पास अलग अलग निवेशकों के लिए अलग-अलग SIP’s म्युचुअल फंड्स के विकल्प होते हैं। जैसे कि जिन निवेशकों को कम रिस्क लेना हो उनके लिए कम रिस्क वाले म्युचुअल फंड, जो थोड़ा रिस्क ले सकते हैं उनके लिए मीडियम रिस्क म्युचुअल फंड और जिन लोगों को ज्यादा रिस्क लेना है उनके लिए ज्यादा रिस्की म्युचुअल फंड विकल्प उपलब्ध होते हैं। इन म्यूचुअल फंड के रिस्क के आधार पर ही आपके रिटर्न्स निर्धारित होते हैं।

जितना कम रिस्की म्युचुअल फंड उतना कम रिटर्न और जितना ज्यादा रिस्की म्युचुअल फंड उतना ही ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है।

अब आपको निश्चित करना है कि आपको किस म्युचुअल फंड में SIP से निवेश कि शुरुआत करनी है। इन म्युचुअल फंड कंपनीज़ के पास एक फंड मैनेजर होता है वहीं आपके और अन्य निवेशकों के पैसे स्टॉक मार्केट में लगाता है। जिसे स्टॉक मार्केट और फाइनेंस कि अच्छी जानकारी होती है।

इसलिए SIP शुरू करने के लिए किसी व्यक्ति को फाइनेंस और स्टॉक मार्केट की ज्यादा जानकारी होना जरूरी नहीं है। इसलिए हर कोई SIP के जरिए अपने निवेश की शुरुआत कर सकता है।

आम तौर पर SIP से म्यूचुअल फंड या स्टॉक मार्केट में निवेश होने वाले पैसे स्वचालित (automatic) तरीके से आपके बैंक अकाउंट से कट होकर निवेश होते रहते हैं। क्योंकि यह निवेश करने का तरीका सिस्टेमेटिक तरीके से होता है इसलिए इसे SIP – Systemic Investment Plan कहा जाता है।

SIP आपको कितने पैसों से शुरू करनी है, कितने सालों तक करनी है, और कब पैसों को SIP में निवेश नहीं करना यह पुरी तरह आप पर निर्भर करता है।

SIP के जरिए निवेश किए पैसों पर कितना रिटर्न मिलेगा यह आपने निवेश किए म्युचुअल फंड या शेयर्स के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। SIP से आप अपने पैसों को धीरे धीरे निवेश करके लंबे समय में अपने धन को बढ़ा सकते हैं और आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

SIP कैसे काम करता है? How SIP Works

SIP के बारे में जानने के बाद अब हम जानेंगे SIP आखिर काम कैसे करती है और कैसे हम इसमें थोड़े थोड़े पैसे लगाकर लंबे समय में अच्छा धन कमा सकते है।

जब आप SIP को किसी म्यूचुअल फंड कंपनी के पास शुरू करते हैं तब आपको कितनी अमाउंट से कितने समय अंतराल में म्यूचुअल फंड में निवेश करना है यह तय करना होता है।

यह सब तय होने के बाद आपके बैंक अकाउंट से स्वयंचालित रूप से पैसे कट होकर आपने तय किए म्यूचुअल फंड में निवेश होते रहते हैं। जब आपको लगे कि आपको पैसा नहीं निवेश करना तो आप इसे रोख भी सकते हैं।

इसे आसानी से समझने के लिए हम एक उदाहरण देखते हैं :

मान लेते है आपको SIP के जरिए निवेश कि शुरुआत करनी है। इसलिए आप किसी म्यूचुअल फंड में 1500 रूपए से निवेश की शुरुआत करते हैं और हर महीने 1500 रूपए अगले 10 साल तक निवेश करने का निर्णय लेते है।

तो यह SIP शुरू होने के बाद हर महीने आपके पैसे बैंक अकाउंट से 1500 रूपए कट होकर अपने तय किए म्यूचुअल फंड में निवेश होते रहेंगे। इसके बदले आपको उस म्यूचुअल फंड के कुछ युनिट्स मिलेंगे।

अब मान लेते है आपने अगले 10 साल तक इस म्यूचुअल फंड में SIP पुरी की जिसने सालाना 12% तक का रिटर्न जनरेटर किया। तो इस SIP से आपको 10 साल बाद कितना रिटर्न मिलेगा?

तो इन 10 सालों में आपने SIP के जरिए निवेश किए सारे पैसों कि वैल्यू करीब 3,48,509 रूपए हो जाएगी‌। जिसमें आपने निवेश किए पैसे होंगे करीब 1,80,000 रूपए जिसपर आपको 1,68,509 रूपए आपका प्रोफिट यानी रिटर्न मिला होगा।

यही SIP अगर आप अगले और पांच साल तक यानी 15 लास तक शुरू रखते हैं। तो आपके करीब 2,70,000 रूपए की investment पर आपको 4,86,864 रूपए का रिटर्न मिलेगा।

तो यहां पर आप देख सकते है 1,68,509 रुपए का रिटर्न जनरेटर करने के लिए आपको 10 साल लगे लेकिन वह SIP अगले और पांच साल शुरू रखने से आपको करीब 4,86,864 रूपए आ रिटर्न मिला है।

यह इसलिए हुआं क्योंकि SIP में लंबे समय में किया निवेश compound होकर अपने investment को जल्दी से बढ़ाता जाता है। इस वजह से आपने SIP में किया Investment लंबे समय में आपको एक अच्छा रिटर्न दे पाता है।

SIP के प्रकार | Types of SIP Hindi

SIP शुरू करने के लिए म्युचुअल फंड कंपनियां अलग अलग निवेशकों के हिसाब अलग-अलग प्रकार के SIP प्लान उपलब्ध कराते हैं।

जिनमें मुख्य पांच प्रकार के SIP Plan आते है जो कुछ इस प्रकार है :

SIP के प्रकार | Types of SIP Hindi
Types of SIP

1. Regular SIP

Regular SIP एक सामान्य SIP होती है। जो म्यूचुअल फंड कंपनीज़ कि तरफ SIP के लिए दिया जाने वाला एक सरल प्लान होता है।

इस SIP के तहत आपको नियमित अंतराल में एक निश्चित राशि (amount) म्यूचुअल फंड में निवेश करनी होती है। यह अंतराल मासिक, द्वि-मासिक, त्रैमासिक या अर्ध-वार्षिक हो सकता है। जो आप पर निर्भर करता है।

यह SIP जब आप online खोलते हैं तब आपको कितने समय के लिए SIP करनी है वह अवधि, कितने समय अंतराल में पैसा निवेश करना है और कितना करना है यह सब चुनने का विकल्प दिया जाता है। लेकिन इसमें एक बार amount चुनने के बाद आप इसे बदल नाही सकते। यानी अपनी निवेश होने वाली राशि को कम ज्यादा नहीं कर सकते।

इस प्रकार का SIP कौन चुन सकता है।

इस तरह की SIP में उन लोगों को निवेश करना चाहिए जिनकी Income निश्चित होती है और जिन्हें भविष्य में एक निश्चित राशि से ही निवेश जारी रखना है।

2. Top-up SIP

Top-up SIP को step up SIP के नाम से भी जाना जाता हैं। इस SIP में आपको एक निश्चित समय सीमा के बाद आपने तय किए निवेश कि राशि (amount) को बढ़ाने की सुविधा होती है। इसमें आप एक निश्चित समय सीमा के बाद SIP में निवेश होने वाले पैसों को बढ़ाते जातें हैं।

उदाहरण के लिए एक top-up SIP में आप 500 रूपए से निवेश की शुरुआत करते हैं और हर एक साल में आप इस SIP में और 500 रूपए बढ़ाते जातें हैं। यानी पहले साल तक आपके 500 रूपए कट होते रहेंगे और अगले साल इसमें और 500 यानी 1000 रूपए निवेश होंगे।

इस तरह हर साल या आप जो समय तय करते है उस समय अंतराल में आपके निवेश होने वाली राशि बढ़ती जाएगी। आसान भाषा में कहें तो आप इस SIP में अपने निवेश होने वाले amount को बढ़ा सकते हैं।

इस प्रकार का SIP कौन चुन सकता है।

इस तरह की SIP उन लोगों के लिए अच्छी है जिनकी Income हर आधे साल या साल में बढ़ती रहती है। या जिनको भविष्य में अपने निवेश को बढ़ाते जाना है।

3. Flexible SIP

Flexible SIP भी Regular SIP के तरही होती है। बस इन दोनों में एक अंतर यह होता है कि इसमें निवेश होने वाली राशि को आप कभी भी बदल सकते हैं।

यानी इस SIP में निवेश होने वाली राशि amount को आप अपने हिसाब से कभी भी कम और ज्यादा कर सकते हैं। जिससे आप SIP में होने वाले निवेश को नियंत्रित कर सकते हैं।

इस प्रकार का SIP कौन चुन सकता है।

इस तरह की SIP उन लोगों के लिए काम आ सकती है जो stock market में आने वाले चढ़ उतार के हिसाब से SIP में निवेश करना चाहते हैं। जिन्हें स्टॉक मार्केट की थोड़ी बहुत जानकारी है।

या व्यक्तिगत रूप से देखा जाए तो यह SIP उन लोगों के लिए भी अच्छा विकल्प है जिनके पास income का एक निश्चित और स्थिर स्रोत नहीं है। या समय-समय पर वित्तीय संकटों का सामना करना पड़ता है।

4. Trigger SIP

Trigger SIP एक ऐसी SIP plan होता है जिसमें एक निवेशक के पैसे तभी निवेश होते हैं जब स्टॉक मार्केट में कोई विशिष्ट घटना होती है। जैसे कि निवेशक ने तय किए level पर कोई index आने पर या आपने तय किए level पर NAV की प्राइज आने पर।

उदाहरण के लिए इसमें कोई निवेशक तभी निवेश करता है जब उसके म्यूचुअल फंड के NAV की प्राइज उसने निश्चय किए प्राइज पर आ जाएं। उसकी मनपसंद प्राइज आने पर उसका निवेश ट्रिगर होता है। इसलिए इसे Trigger SIP कहा जाता है।

इस प्रकार का SIP कौन चुन सकता है।

इस प्रकार के SIP में निवेश करने के लिए निवेशक को स्टॉक मार्केट के चढ़ उतार पर नजर होनी चाहिए और स्टॉक मार्केट का अच्छा नॉलेज होना भी जरूरी है। इसलिए इस तरह की SIP में तभी निवेश करना चाहिए जब आप स्टॉक मार्केट को अच्छे से समझे।

5. Perpetual SIP

Perpetual SIP का मतलब होता है सदा चलती रहने वाली SIP. यानी इस तरह के SIP की कोई भी समाप्ती अवधि तय नहीं होती है। जब तक आप निवेश करते रहेंगे तब तक यह SIP चलती रहेगी। यह SIP तभी बंद होती है जब आप म्यूचुअल फंड कंपनी को इसे बंद करने का फोर्म भरकर देते हैं। इस एक चीज को छोड़कर यह पुरी तरह regular SIP के तरही होती है।

इस प्रकार का SIP कब चुनें ?

इस तरह की SIP उन लोगों के लिए अच्छी है जिन्हें नहीं पता कब तक निवेश जारी रखना है।

SIP कहां कहां पर कर सकते हैं?

जब बात SIP के जरिए निवेश करने की आती है तो लोगों को लगता है कि वह सिर्फ किसी म्यूचुअल फंड में ही SIP कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। म्यूचुअल फंड कंपनीज़ आपको सिर्फ SIP करने की सुविधा देते हैं। आप SIP और भी जगह कर सकते हैं।

इन तीन जगहों पर आप SIP कर सकते हैं :

1. Mutual Fund

Mutual Fund SIP करने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तरीका है। क्योंकि इसमें आपको किसी भी प्रकार से स्टॉक मार्केट की जानकारी होना आवश्य नहीं होती है। आपको सिर्फ कितने पैसे निवेश करने है और कितने समय के लिए करने हैं यही निश्चय करना पड़ता है।

जिन लोगों को फाइनेंस और स्टॉक मार्केट का नॉलेज नहीं है उनके लिए म्युचुअल फंड में SIP करना एक अच्छा विकल्प है।

2. Index Fund

SIP करने के लिए Index fund भी एक अच्छा विकल्प होता है। Index fund स्टॉक मार्केट में लिस्टेड देश की सर्वश्रेष्ठ कंपनीयों का index होता है। इसमें किया निवेश देश की सर्वश्रेष्ठ कंपनीयों में होता है। जैसे कि भारत में Nifty 50 और Sensex यह दो बड़े इंडेक्स है।

इनमें भी आप online और आसानी से निवेश कर सकते हैं या SIP कर सकते हैं। इनमें आप सीधे डिमैट अकाउंट से भी निवेश कर सकते हैं या म्यूचुअल फंड कंपनीज़ भी आपको कुछ इंडेक्स म्यूचुअल फंड उपलब्ध कराते हैं।

इसमें निवेश करने के लिए भी आपको ज्यादा स्टॉक मार्केट की जानकारी होना आवश्यक नहीं है लेकिन अगर आपको इनमें सीधे तौर पर निवेश करना है तो आपको शेअर खरीदने के लिए लगने वाले डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ेगी।

3. Stock’s SIP

SIP म्यूचुअल फंड में ही शुरु हो यह जरूरी नहीं है। अब आप अपने पसंदीदा शेअर्स में भी SIP की शुरुआत कर सकते हैं। इसमें आपको अपने पसंदीदा शेअर्स को चुनकर उनमें SIP की शुरुआत करनी होती है।

यह SIP उन लोगों के लिए हैं जिन्हें स्टॉक मार्केट की अच्छी खासी जानकारी और नॉलेज है। क्योंकि इसमें निवेश होने वाले पैसे सीधे तौर पर स्टॉक मार्केट में लिस्टेड शेअर्स में निवेश होते हैं और किस शेअर में कितना निवेश करना है यह भी आप को ही मैनेज करना पड़ता है।

स्टॉक्स में SIP कि शुरुआत आप Zerodha के डिमैट अकाउंट से कर सकते हैं। Zerodha एक ऐसा स्टॉक ब्रोकर है जो आपको stock’s में भी SIP करने की सुविधा देता है।

SIP Returns Calculate कैसे करें? How to Calculate SIP Returns

आप यहां पर दिए गए Calculetor से SIP Returns कैलकुलेट कर सकते हैं।

SIP Calculator

Result

Total Investment: ₹

Total Value: ₹

SIP शुरू करते समय किन बातों का ध्यान रखें। Things to Consider before Starting SIP

SIP में निवेश करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • SIP Amount :- SIP को शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना पड़ता है कि आपको हर बार कितना पैसा SIP में निवेश करना है। यह राशि निश्चित करते समय ध्यान रखें कि आप इतना पैसा हर बार निवेश कर पाएंगे। SIP आप 500 रूपए से शुरू कर सकते हैं। यह पुरी तरह आप के income पर निर्भर करता है।
  • SIP Frequency :- SIP Frequency का मतलब है आप अपने पैसे कितने Frequency में यानी कितने समय अंतराल में निवेश करना चाहते हैं। यह समय अंतराल साप्ताहिक, मासिक, वार्षिक जैसा कुछ भी हो सकता है। ज्यादातर लोग SIP में monthly निवेश करने का निश्चय करतें हैं। यह आप पर निर्भर होता है।
  • SIP Tenure :- इसका मतलब है आपको कितने सालों के लिए SIP जारी रखनी है वह समय निश्चित करना। यह समय 1 साल से 15 साल तक कुछ भी हो सकता है। इसे निश्चित करते का अधिकार भी आपके पास होता है।
  • Expense Ratio :- किसी भी म्यूचुअल फंड में SIP शुरू करने से पहले उस म्यूचुअल फंड का expense Ratio कितना है यह जरूर देखें। Expense Ratio यानी म्यूचुअल फंड का चार्ज जो म्यूचुअल फंड कंपनीज़ आपसे लेते है। यह expense ratio ज़्यादा से ज़्यादा 1% या उससे कम होना चाहिए।
  • Mutual fund category :- किसी भी म्यूचुअल फंड में SIP कि शुरुआत करने से पहले आपको यह देखना चाहिए कि वह म्यूचुअल फंड किस कैटेगरी का है। क्योंकि आज के समय में बहुत सारे प्रकार के म्यूचुअल फंड उपलब्ध है जो अलग-अलग कैटेगरी में निवेश करके रिटर्न्स जनरेटर करते है। इसलिए इसको अपने हिसाब से कैटेगरी को चुनकर उसमें निवेश करना चाहिए।

SIP में निवेश का जोखिम। Risks in SIP

जब बात पैसों को कहीं पर निवेश करने की हो तो हमेशा रिस्क बना रहता है। लेकिन कहीं पर कम रिस्क तो कहीं पर ज्यादा रिस्क होता है।

इसी तरह का रिस्क यानी जोखिम हमें SIP में भी देखने को मिलता है। SIP के रिस्क की बात करें तो यह रिस्क यानी जोखिम पुरी तरह आपने किस म्यूचुअल फंड में निवेश किया है उसके प्रदर्शन पर निर्भर करता है। यानी उस म्यूचुअल फंड ने जिन शेअर्स में आपका पैसा निवेश किया है उन शेअर्स पर आपका रिटर्न निर्धारित होता है। वह शेअर्स अगर अच्छा प्रदर्शन करते है तो आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा और अगर खराब प्रदर्शन करते है तो आपको लॉस होगा।

लेकिन SIP में लंबे समय में हमें अच्छा रिटर्न मिलता है। इसलिए जितने लंबे समय के लिए आप SIP करेंगे उतना ही आपका जोखिम कम होता जाएगा। इसलिए SIP को कभी भी थोड़े समय के लिए शुरू नहीं करनी चाहिए।

SIP के फायदे। Benefits of SIP in Hindi

SIP के जरिए Investment करने के फायदे कुछ इस प्रकार है :

1. Starting Low investment

SIP में निवेश का एक advantage यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपको ज्यादा पैसों कि जरुरत नहीं पड़ती है। आप अपने हिसाब से इसमें निवेश कर सकते हैं। SIP में आप 500 रूपए से निवेश शुरू कर सकते हैं।

इस वजह से इसमें वह लोग भी निवेश कर सकते हैं जिनकी Income कम है।

2. Power of Compounding

SIP में ज्यादा समय तक निवेश करने से हमें Compounding का फायदा मिलता है। यानी जितने ज्यादा समय के लिए आप निवेश करेंगे उतना ही ज्यादा तेजी से आपके पैसों पर रिटर्न बढ़ता जाएगा।

Compounding से अपने पैसों को बढ़ाने के लिए SIP एक अच्छा विकल्प माना जाता है।

3. Rupee-Cost Averaging

SIP में आप निश्चित समय अंतराल में एक निश्चित Amount को निवेश करते रहते हैं। इसलिए इसमें आपको म्यूचुअल फंड के युनिट्स एक average प्राइज पर मिलते हैं। इसलिए आपको इसमें Rupee-Cost Averaging का Advantage मिलता है। आसान भाषा कहें तो आपको म्यूचुअल फंड के मिलने वाले युनिट्स ना ज्यादा कीमत पर मिलते हैं और ना ही कम क़ीमत पर मिलते हैं। आपको यह एक average price पर मिलते हैं।

4. Simple and Convenient

SIP शुरू करना और इसके जरिए निवेश करना बहुत ही आसान और सरल होता है। इसे हर कोई आसानी से Online घर बैठे शुरू कर सकता है। इस वजह से SIP के जरिए निवेश करना बाकी जगहों पर निवेश करने से आसान होता है।

SIP सामान्य लोगों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है।

5. Financial Disciplin

SIP उन लोगों के लिए भी अच्छा विकल्प है जिनको अपने निवेश को अनुशासित तरीके से करना है। कहीं लोगों की income बढ़ाने के साथ उनके खर्चे भी बढ़ते जाते हैं।

इसलिए वह कहीं पर निवेश नहीं कर पाते है। ऐसे लोगों को SIP की शुरुआत करनी चाहिए। क्योंकि SIP में आपको मैन्युअल तरीके से निवेश नहीं करना पड़ता है। एक बार SIP शुरू होने पर आपके अकाउंट से automatic तरीके से पैसे कट होकर म्यूचुअल फंड में निवेश होते रहते हैं।

यह आपको Financial Disciplin बनाने में मदद करता है।

6. Flexibility

कुछ SIP में आप Flexible तरीके से भी निवेश कर सकते हैं। यानी जब आपके पास ज्यादा पैसे हो तब आप ज्यादा पैसे निवेश कर सकते हैं और जब आपके पास कम पैसे हो तब आप कम पैसे निवेश कर सकते हैं। यानी आप अपने निवेश होने वाली amount को बढ़ा या घटा सकते हैं।

SIP और Lumpsum में अंतर | Difference Between SIP and Lumpsum?

SIP और Lumpsum यह दोनों कहीं पर निवेश करने के तरीके हैं। आप अपना पैसा किस प्रकार से निवेश करते है इस पर तय होता है कि वह SIP investment है या Lumpsum Investment है।

जब आप अपने पैसों को छोटे छोटे अमाउंट में एक निश्चित समय अंतराल में कहीं पर निवेश करते है तो उसे SIP Investment कहा जाता है।

इसी प्रकार जब आप अपना पैसा एक साथ कहीं पर निवेश करते है तो उसे Lumpsum Investment कहा जाता है। यानी एक साथ अपनी बढ़ी अमाउंट को कहीं पर निवेश करने को Lumpsum Investment कहा जाता है।

SIP शुरू कैसे करें? How to Start SIP in hindi

SIP को शुरू करने के लिए आप दो तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  1. ZERODHA में डिमैट अकाउंट ओपन करके zerodha coin App से आप अपनी SIP को शुरू कर सकते हैं। इसे कैसे करना है यह youtube पर व्हिडिओ देखकर SIP शुरू कर सकते हैं।
  2. दुसरा तरीका है आपको जिस म्यूचुअल फंड कंपनी में अपनी SIP शुरू करनी है उस AMC के वेबसाइट पर जाकर यानी Assets/Portfolio manegement Company की वेबसाइट पर जाकर अपनी SIP Start कर सकते हैं।

AMC के वेबसाइट जाकर SIP शुरू करने के लिए लगने वाले Documents

  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • बैंक अकाउंट
  • बैंक स्टेटमेंट
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • चेक बुक

AMC कि साईट पर जाकर आप इस तरह से SIP Start कर सकते हैं:

Stap 1 :-

SIP के लिए लगने वाले डॉक्यूमेंट को अपने मोबाइल या pc में तैयार रखें।

Stap 2 :-

साइट पर जाकर रजिस्टर करें और और अपना अकाउंट खोले

Stap 3 :-

अपनी KYC को पुरा करें

Stap 4 :-

इसके बाद सबसे महत्वपूर्ण काम अपने निवेश कि amount यानी राशि को यह करें और किस म्यूचुअल फंड प्लान में निवेश करना है उस प्लान को सिलेक्ट करें।

Stap 5 :-

आपको SIP में कितने समय अंतराल में पैसे निवेश करने है यह तय करना है। जैसे कि weekly, monthly या yearly

सारांश।

SIP एक निवेश करने का तरीका है जिसमें आप अपने पैसों को छोटे छोटे अमाउंट में एक निश्चित समय अंतराल में कहीं पर निवेश करते है। इसी को SIP Investment कहा जाता है।

जिन लोगों को फाइनेंस और स्टॉक मार्केट की जानकारी नहीं है उनके लिए SIP एक अच्छा निवेश विकल्प साबित हो सकता है। अपने अभी तक निवेश की शुरुआत नहीं कि हैं तो SIP से आप अपने निवेश कि शुरुआत कर सकते हैं।

यदि आप युवा है तो SIP शुरू करने के लिए यह अच्छा समय है याद रहे अगर आप जितने जल्दी और लंबे समय तक SIP करेंगे उतना ही ज्यादा धन आप कमा सकते है।

आज हमने SIP के बारे में हर वह जानकारी इस आर्टिकल में देखी जो SIP शुरू करने से पहले आपको जाननी चाहिए।

FAQ About SIP

  1. SIP का मतलब क्या होता है?

    SIP एक निवेश करने का तरीका है जिसमें आप अपने पैसों को छोटे छोटे अमाउंट में एक निश्चित समय अंतराल में कहीं पर निवेश करते है। इसी को SIP Investment कहा जाता है।

  2. SIP में NAV क्या होता है? what is NAV in sip mutual fund?

    NAV का मतलब होता है Net Assets Value यानी आप जिस म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं उस म्यूचुअल फंड के एक युनिट के प्राइज को ही NAV कहा जाता है।

  3. SIP में कितना रिटर्न मिलता है?

    SIP में कितना रिटर्न मिलेगा यह पुरी तरह आपके म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। भारत में SIP फंड Average 12% से 15% तक का रिटर्न जनरेटर कर पाते हैं। कभी कभी यह रिटर्न 20% तक भी पहुंच जाता है।

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