रेवेन्यू क्या होता है? Revenue Meaning In Hindi

Revenue Meaning In Hindi
Revenue Meaning in Hindi

Revenue का अर्थ : किसी कंपनी या संघटन द्वारा अपने व्यवसाय में प्रोडक्ट या सेवाओं की बिक्री से होने वाली income 💸 यानी आय को revenue कहा जाता है। जिसे हिंदी में “राजस्व” कहते हैं।

किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट और अकाउंटिंग में हमें रेवेन्यू देखने को मिलता है। जिसका उपयोग फाइनेंशियल एनालिस्ट द्वारा कंपनी के प्रॉफिटेबिलिटी को निकालने के लिए किया जाता है।

इसी के साथ जब निवेशक को कंपनी कि वैल्यूएशन निकालनी हो या कंपनी के पिछले सालों का रेकॉर्ड देखना हो तो इसमें revenue का उपयोग किया जाता है। कुल मिलाकर किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल्स में रेवेन्यू एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिसे समझना एक निवेशक के लिए महत्वपूर्ण है।

इसलिए आज हम इस आर्टिकल में Revenue के बारे जानेंगे की रेवेन्यू क्या होता है? किसी भी कंपनी के कितने प्रकार के Revenue होते हैं? कैसे रेवेन्यू को निकाला जाता है और कैसे रेवेन्यू से शार्क टैंक के शार्क किसी कंपनी का valuation निकालते हैं।

Revenue Highlights

  • Revenue का मतलब होता है कंपनी कि income जिसे हिंदी में “राजस्व” भी कहा जाता है।
  • Revenue कंपनी की वह Income होती है जो कंपनी को अपने उत्पादन और सेवाओं को बेचकर प्राप्त होती है।
  • Revenue को निकालने के लिए कंपनी द्वारा साल भर में बेचे कुल उत्पादन और सेवाओं को एवरेज सेलिंग प्राइज से गुना किया जाता है।
  • आम तौर पर Revenue दो प्रकार के होते है : 1) Operating Revenue 2) Non-Operating Revenue

Revenue की परिभाषा। Defination of Revenue

एक निश्चित समय सीमा में कंपनी द्वारा बिक्री होने वाले सामान, उत्पादन और सेवाओं से कंपनी को जो Income प्राप्त होती है उसी Income को कंपनी का Revenue कहां जाता है। लेकिन कंपनी के रेवेन्यू और प्रोफिट में अंतर होता है।

Revenue का मतलब। Revenue Meaning in Hindi

Revenue का मतलब होता है Income यानी कंपनी कि आय जो एक निश्चित समय सीमा में कंपनी द्वारा सामान, उत्पादन या सेवाओं को बेचकर पैसों के रूप में कंपनी में आती है।

किसी भी कंपनी के व्यवसाय में उसका रेवेन्यू एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। जो कंपनी को अपनी सर्विस या प्रोडक्ट को बेचने के बाद income यानी आय के तौर पर मिलता है।

आसान भाषा में कहें तो किसी कंपनी द्वारा एक निश्चित समय सीमा में अपने सामान, उत्पादन या सर्विसेस को बेचकर जो Income यानी आय प्राप्त होती है उसी income को Revenue कहा जाता है। आम तौर पर कंपनीज़ का revenue स्टेटमेंट एक साल या त्रैमासिक यानी तीन महीनों का होता है।

क्योंकि कंपनी के Income Statement में Revenue को सबसे उपर की लाईन में दिखाया जाता है, इसलिए इसे Top Line भी कहा जाता है।

Example of Revenue in Balence Sheet

कहीं बार लोग कंपनी के Revenue और Profit को एक ही समझ लेते है जो बिल्कुल ग़लत है। क्योंकि revenue और Profit यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं जिन्हें हम आगे विस्तार से जानेंगे।

Revenue की गणना। Formula And Calculation of Revenue

Revenue को अच्छे से समझने के लिए इसकी गणना यानी इसकी calculation कैसे होती है इसे समझना जरूरी है।

Revenue का Formula और इसे निकालने का तरीका अलग अलग सेक्टर की कंपनियों के लिए अलग-अलग होता है। जैसे कि किसी सर्विस सेक्टर में काम करने वाली कंपनी का रेवेन्यू निकालने का तरीका किसी रिटेल यानी उत्पादित प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनी के लिए अलग होता है।

लेकिन आम तौर पर Revenue को निकालने का Formula कुछ इस प्रकार होता है :-

Revenue Calculation and Formula

Revenue = No of Units Sold x Average Price

Revenue Formula

कंपनी के revenue को निकालने के लिए कंपनी द्वारा बेचे गए कुल सामान, उत्पादन या सेवाओं को उनके Average Selling Price से गुना किया जाता है।

इसे हम एक उदाहरण से समझने कि कोशिश करते हैं।

उदाहरण के लिए एक कंपनी ABL Limited जो Books 📚 बेचने का काम करतीं हैं। जिनके हर एक Book कि Price 200 रूपए है और कंपनी साल भर में ऐसी 30,000 Books को सेल करती है।

तो इस केस में ABL Limited कंपनी का एक साल का Revenue कितना होगा?

Revenue = No Of Unit Sold (30,000)* Average Selling Price (200)

30,000 × 200 = 60,000,00

ABC Limited का Revenue होगा 60 लाख रुपए का।

यहां पर ध्यान दें कि यह 60 लाख रुपए कंपनी का revenue है। जिसमें से कंपनी के सारे खर्चों को निकालने के बाद जो बचेगा वह कंपनी का Profit होता है। अब इस Profit में भी जब कंपनी सारे Tax चुकाती है तब कंपनी के पास जो Profit बचता है उसे कंपनी का Profit After Tax या Net Profit कहा जाता है।

ध्यान रहे यहां पर हमने जो उदाहरण लिया है वह एक छोटा और आसानी से calculate होने वाला उदाहरण है। लेकिन कुछ कंपनियों का रेवेन्यू निकालना इतना आसान नहीं होता है, क्योंकि कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विसेस को अलग अलग प्राइज पर और अलग अलग प्रकार के प्रोडक्ट्स और सर्विसेस बेचती है साथ ही वह इनमें कुछ पर डिस्काउंट भी देती है। तो ऐसी कंपनियों का रेवेन्यू निकालना काफ़ी जटिल भरा काम होता है।

रेवेन्यू के प्रकार। Types of Revenue

Revenue वह पैसा होता है जो कंपनी को अपने उत्पादन या सर्विसेस को बेचकर मिलता है। लेकिन इस Revenue को कैसे प्राप्त किया और इसमें कौन कौन सी चीजें को मिलाकर निकाला गया इसके आधार पर अलग अलग प्रकार से revenue होते हैं।

वैसे revenue मुख्य दो प्रकार के होते हैं जो कुछ इस प्रकार है :-

1. Operating Revenue

एक कंपनी द्वारा अपने मुख्य व्यवसाय गतिविधियों से होने वाली income को उस कंपनी का operating revenue कहा जाता है। यानी ऐसा रेवेन्यू जो कंपनी अपने मुख्य व्यवसाय से कमाती है जैसे कि कोई उत्पादन बनाने वाली कंपनी अपने उत्पादन को बेचकर जो कमाई करती है उसे operating revenue कहा जाएगा।

जैसे की Sales Revenue जो कंपनी को अपने उत्पादन को बेचकर प्राप्त होता। Service Revenue जो कंपनी को अपने सर्विसेस को बेचकर प्राप्त होता है।

2. Non-Operating Revenue

Non-Operating Revenue वह रेवेन्यू होता है जो कंपनी के प्राथमिक व्यवसाय से नहीं आता है। यानी ऐसा रेवेन्यू जो कंपनी को अपने उत्पादन या सेवाओं से नहीं होता है।

जैसे कि Rental Income, Intrest income और प्रोपर्टी को बेचकर जो income होती है उसे Non Operating Revenue कहा जाता है।

इनके अलावा भी Revenue के अन्य प्रकार जो कुछ इस प्रकार है :

3. Gross revenue

कंपनी का Gross revenue वह revenue होता है जो कंपनी के सारे सोर्सेस से प्राप्त होता है यानी इसमें operating revenue और non operating revenue जैसे हर प्रकार के revenue को लिया जाता है।

यह कंपनी कि Total Income होती है जिसमें कंपनी का कोई खर्चे और टेक्स को नहीं निकाला जाता।

4. Net Revenue

Net Revenue कंपनी का वह रेवेन्यू होता है जो कंपनी के सारे खर्चे और टेक्स को निकालने के बाद बचता है। जैसे कि operating expenses, cost of goods sold और taxes आदि..

इसे कंपनी की Net Income या Net Profit भी कहा जाता है।

Revenue से किसी कंपनी का Valuation कैसे तय होता है?

वैसे किसी कंपनी का वैल्यूएशन निकालने के बहुत सारे तरीके होते हैं और हर तरीके से निकाली गई वैल्यूएशन अलग अलग हो सकती है।

किस कंपनी को investors से कितनी वैल्यूएशन मिलेगी यह बहुत सारे चीजों पर निर्भर करता है। इसलिए आज यहां पर हम सिर्फ revenue के सहारे किसी कंपनी को कितनी वैल्यूएशन मिलती है यह जानने की कोशिश करेंगे।

यहां पर हम देखेंगे कि कैसे कंपनी के revenue के आधार पर शार्क टैंक में शार्क किसी कंपनी का वैल्यूएशन तय करते है।

जब भी किसी शार्क कोई कंपनी या कंपनी का बिजनेस पसंद आता है तो शार्क्स यह देखते हैं कि कंपनी के revenue के कितने गुना पैसा कंपनी के owner मांग रहे हैं।

आम तौर पर ज्यादातर लोग उनके revenue का 5x से 15x यानी पांच से पंद्रह गुना पैसा मांगते हैं और इसी मांग पर कंपनी का वैल्यूएशन तय होता है।

उदाहरण के लिए किसी कंपनी का साल भर का revenue 50,000 रूपए है और owner इस कंपनी के लिए 3,50,000 कि वैल्यूएशन पर पैसे मांग रहे हैं तो इसका मतलब है कि owner इस कंपनी के रेवेन्यू के 7x यानी 7 गुना पैसा मांग रहे हैं।

50,000×7 = 3,50,000 रुपए कंपनी की valuation

लेकिन अगर शार्क्स इस कंपनी के लिए सिर्फ 5x पर यानी रेवेन्यू के सिर्फ पांच गुना पैसा देने के लिए तैयार है तो इस कंपनी का वैल्यूएशन कितना होगा?

50,000×5 = 2,50,000 रूपए

यानी कि इस केस में कंपनी का वैल्यूएशन सिर्फ 2,50,000 रूपए का होगा।

इस तरह revenue के आधार पर किसी भी कंपनी का वैल्यूएशन को तय किया जाता है।

रेवेन्यू और लाभ में अंतर। Revenue vs Profit

किसी भी कंपनी का revenue उस कंपनी में आया वह पैसा होता है जो कंपनी द्वारा उत्पादन और सेवाओं को बेचकर आता है। लेकिन इसी revenue में से जब कंपनी के सारे खर्चों को निकालने के बाद कंपनी के पास जो पैसा बचता है वही कंपनी का Profit होता है।

सारांश।

Revenue का मतलब होता है Income यानी कंपनी कि आय जो एक निश्चित समय सीमा में कंपनी द्वारा सामान, उत्पादन या सेवाओं को बेचकर पैसों के रूप में कंपनी में आती है। क्योंकि कंपनी के Income Statement में Revenue को सबसे उपर की लाईन में दिखाया जाता है, इसलिए इसे Top Line भी कहा जाता है।

FAQ About Revenue

  1. रेवेन्यू को हिंदी में क्या बोलते हैं?

    Revenue का हिंदी में अर्थ होता है “राजस्व” यानी कंपनी कि ऐसी income जो कंपनी को उसके उत्पादन और सेवाओं को बेचकर होती है।

  2. Revenue को कैसे निकालते हैं?

    कंपनी के revenue को निकालने के लिए कंपनी द्वारा बेचे गए कुल सामान, उत्पादन या सेवाओं को उनके Average Selling Price से गुना किया जाता है। Revenue को निकालने का Formula : Revenue = No of Units Sold x Average Price

  3. Revenue कितने प्रकार के होते हैं?

    आम तौर पर Revenue दो प्रकार के होते है : 1) Operating Revenue 2) Non-Operating Revenue

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