REIT यानी Real Estate Investment Trust एक ऐसा साधना है जो निवेशकों को कम पैसों में और आसान तरीके से रियल एस्टेट (Real Estate) में निवेश करने का मौका देता है।
आम तौर पर Real Estate में निवेश करने के लिए हमें ज्यादा capital कि जरुरत पड़ती है और रियल एस्टेट में निवेश करना बाकी जगह निवेश करने से ज्यादा टाइम और प्रोसेस वाला काम होता है। इसलिए हर कोई इसमें निवेश नहीं कर पाता है।
इसी समस्या का समाधान है Reit’s यानी Real Estate Investment Trust जो हमें आसानी से और कम Capital में रियल एस्टेट में निवेश करने का मौका देता है।
REIT’S क्या है। what is Reit’s
Real Estate Investment Trust यानी REIT एक प्रकार का फंड होता है जो निवेशकों से पैसा जुटाकर अलग अलग Real Estate प्रोपर्टीज में निवेश करता है और बाद में जब प्रोपर्टीज की वेल्यू बढ़ाती है तो उन्हें sell करके आए पैसों को या उनसे आए Rental Income को निवेशकों में बांटता है।
यह कुछ हद तक म्यूच्यूअल फंड जैसे ही होता है। बस इसमें और म्यूच्यूअल फंड में सबसे बड़ा अंतर यह होता है कि म्यूच्यूअल फंड कंपनीज़ अपना पैसा Equity और बॉन्ड में निवेश करती है और Reit’s अपना सारा पैसा सिर्फ अलग अलग Real Estate से जुड़े प्रोपर्टीज में निवेश करते हैं।
इन प्रोपर्टीज में होटेल्स, मॉल, IT park’s, गोदाम, कमर्शियल प्रॉपर्टीज, प्राइवेट प्रोपर्टी, ऑफिस जैसे अलग-अलग प्रोपर्टीज हो सकती है। जिनसे रेगुलर Rental Income प्राप्त हो सकें।
Reit’s में छोटे और बड़े निवेशक अपना पैसा निवेश करते है। जिससे उनको अपने निवेश से एक रेगुलर रेंटल इन्कम डिविडेंड के रूप में मिलती रहें।
REIT’S की शुरुआत। History of Reit’s
REIT एक नया concept था जिसकी शुरुआत सबसे पहले U.S में 1960 के दशक में हुई थी। इसका एक ही उद्देश्य था कि देश के रियल एस्टेट को बढ़ावा देना और निवेशकों को खासकर छोटे निवेशकों को रियल एस्टेट में निवेश का मौका देना।
जहा तक भारतीय मार्केट में Reit’s कि शुरुआत को देखें तो SEBI यानी Security Exchange Board of India ने सबसे पहले 2007 को REIT को पेश किया था। इसी के साथ सेबी ने इसके लिए कुछ दिशानिर्देश भी जारी किए जिससे इनको रेग्यूलेट किया जा सके।
भारत में Reit’s को लाने का उद्देश्य छोटे और विदेशी निवेशकों को देश के रियल एस्टेट में निवेश करने का मौका देना और रियल एस्टेट डेवलपर्स को आसानी से फंडिंग उपलब्ध कराना था।
भारत के सबसे पहले REIT का IPO 1st April 2019 को आया था जिसका नाम Embassy Office Parks REIT था। जिसने स्टॉक मार्केट से करीब ₹4,570 करोड़ रुपए जुटाए थे।
REIT’S काम कैसे करते हैं। Who Reit’s Work
रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट की संकल्पना समझने का बाद अब हम यह समझते है कि रिट्स आखिर काम कैसे करते हैं।
REIT एक प्रकार से Real Estate Assets Management फंड होता है जो अलग अलग निवेशकों से फंड्स को जुटाता है। इन निवेशकों में Retail Investor, institutions, Company’s जैसे कोई भी छोटे और बड़े निवेशक हो सकते है।
इन सब से जुटाएं पैसों को REIT रियल एस्टेट के अलग अलग कमर्शियल प्रॉपर्टीज में निवेश करता है। इन प्रोपर्टीज में Hotels, Rental Mall, Park’s, Office जैसी ज्यादा रेंटल इन्कम देने वाली प्रोपर्टीज हो सकती है।
अब इन सारी प्रोपर्टीज से जो Rental Income REIT को प्राप्त होती है वह income निवेशकों में Dividend के रूप में बांटी जाती है। जिससे निवेशकों को बिना सीधे real estate में निवेश करें रियल एस्टेट से ही मिलने वाली Rental Income प्राप्त होती है।
REIT इन सारे प्रोपर्टीज को मेनेज करने के बदले में प्रोफिट का कुछ हिस्सा अपने लिए रख लेता है।
REITs के लिए SEBI के कुछ नियम और शर्तें
भारत में REITs – Real estate Investment Trust को SEBI ने 2007 को मंजूरी दी। मंजूरी के बाद 2014 को सेबी ने REITs के लिए कुछ नियम और शर्तों को लागू किया।
वह नियम और शर्तों कुछ इस प्रकार है।
- REIT की स्थापना एक बिजनेस ट्रस्ट के रूप में होगी जो India Trust Act. के तहत चलेगी। यानी कोई भी REIT एक कंपनी ना होकर एक ट्रस्ट के रूप में स्थापित हो सकती है।
- किसी भी REIT को सेबी का अप्रूवल लेना अनिवार्य है। इसी के साथ वह BSE या NSE स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करना अनिवार्य है।
- किसी भी REIT को अपने पुरे Asset का 80% इन्वेस्टमेंट ऐसे प्रोपर्टीज में निवेश करना अनिवार्य है जिनसे रेंटल इन्कम प्राप्त हो सकें। यानी ऐसी प्रोपर्टीज जो पुरी तरह से बनकर तैयार है।
- बाकी का 20% निवेश Reit’s किसी रिस्की प्रोपर्टीज में निवेश कर सकते है। जैसे under construction property, listad Real estate companies, etc.
- REIT’S की 75% income रेंटल इन्कम होनी चाहिए।
- किसी भी REIT को अन्य किसी Reit’s में निवेश करने की अनुमति नहीं है।
- Reit’s को Rental Income और Property Selling से जो कुछ प्रोफिट होगा उसका 90% निवेशकों में बांटना अनिवार्य है।
- REIT’S के पास जमा फंड्स का 90% निवेश करना अनिवार्य है। यानी कोई भी REIT निवेशकों से लिए फंड्स को बिना निवेश किए अपने पास नहीं रख सकते।
Reit’s पर लगी यह कुछ महत्वपूर्ण नियम और शर्तों है जो आपको जानना जरूरी है। अगर आपको Reit’s से जुड़े सारे नियम और शर्तों को देखना है तो आप SEBI के Official Website पर देख सकते है।
REIT’s-Real estate Investment Trust के प्रकार। Types of REIT’S
भारत REITs – Real estate Investment Trust को प्राप्त होने वाली Income के हिसाब से Reit’s के तिन प्रकार पड़ते है।
- Equity REIT’s : यह Reit’s आम तौर पर Real Estate में Hotels, Mall, Park’s जैसी Residential प्रोपर्टीज में निवेश करते है। जिनसे रेगुलर रेंटल इन्कम प्राप्त होती है। इस तरह के REIT की Income ज्यादातर Rental Income होती है। यानी सिर्फ रेंटल इन्कम से पैसे कमाने वाले Reit’s को Equity Reit’s कहा जाता है।
- Mortgage REITs: इस तरह के रिट्स सिधे तौर पर रियल एस्टेट में निवेश ना करके रियल एस्टेट में निवेश करने वालों को लोन देते है। इनकी ज्यादातर Income लोन से मिलने वाले ब्याज से होती है। जो निवेशकों में Dividend के रूप में बांटा जाता है। यानी ज्यादातर ब्याज से Income कमाने वाले Reit’s को Mortgage Reit’s कहा जाता है।
- Hybrid REIT’s : हायब्रिड reit equity reit और mortgage reit इन दोनों Reit’s का एक Combination होता है। जिससे इसकी Income लोन के ब्याज और रेंटल इन्कम से होती है। यानी जो reit लोन के ब्याज और रेंटल इन्कम दोनों से पैसा कमाती है उसे Hybrid REIT कहां जाता है।
इन REIT’S के अलावा भी कुछ Reit’s के प्रकार होते हैं। जैसे
- Retail Reit’s : जो सिर्फ रिटेल रियल एस्टेट में निवेश करते हों जैसे मॉल, शॉप, या किसी भी तरह के रिटेल से जुड़ा रियल एस्टेट।
- Residential Reit’s : जो सिर्फ रेसिडेंशियल प्रोपर्टीज में निवेश करते है।
- Office Reit’s : इस तरह के रिट्स सिर्फ work office से रिलेटेड रियल एस्टेट में निवेश करने वाले होते हैं।
- Healthcare Reit’s : इस तरह के रिट्स हॉस्पिटल और हेल्थकेयर सेक्टर से रिलेटेड रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए स्पेशलाइज होते है।
भारत में Reit’s का यह Concept अभी नया है और अभी इसकी शुरुआत हो रही है इसलिए भारतीय मार्केट में अभी हमें Reit’s के इतने सारे प्रकार देखने को नहीं मिलते है। यह सारे रिट्स के प्रकार अमेरिका और अन्य युरोपीयन देशों में काफी हद तक हमें देखने को मिलते हैं।
Advantage and disadvantage of investing in Reit’s
REITs – Real estate Investment Trust निवेशकों के लिए एक नया निवेश का साधन है। इसमें निवेश करने के कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी है। इसीलिए सबको अपने हिसाब से इसमें निवेश करने की सोचनी चाहिए।
Advantages
- Low Investment : Reit’s में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें आप कम निवेश में भी सीधे रियल एस्टेट प्रोपर्टीज में निवेश कर सकते हैं। जिससे आपको रेगुलर रेंटल इन्कम डिविडेंड के रूप में मिलती रहेगी।
- Diversification : किसी भी निवेशक को अपना Portfolio Diversification करने में Reit’s का उपयोग आप कर सकते है। इससे आप अपने पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए कर सकते हैं।
- Regular Income : Reit’s अपने 90% Rental Income को निवेशकों में बांटते है। जिससे निवेशकों को एक स्टेबल रेगुलर passive income डिविडेंड के रूप में प्राप्त होती रहती हैं।
- Capital Gains : Reit’s से डिविडेंड इन्कम तो मिलती ही है इसी के साथ यह Stock market में लिस्टेड होने के कारण इनसे आप capital gains से भी पैसा कमा सकते है।
- Liquidity : जैसे किसी रियल एस्टेट को आप कभी भी खरीद या बेच नहीं सकते है। लेकिन Reit’s स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होने के कारन आप इनमें कभी भी खरीद बिक्री कर सकते हैं।
Disadvantages
- Limited Options : भारत में फिलहाल तीन Reit’s ही Reit’s स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है। जिससे निवेशकों को REIT में निवेश करने के ज्यादा विकल्प नहीं रहते।
- Tax : REIT’S से निवेशकों को मिलने वाली Income ज्यादातर लोग के ब्याज से और डिविडेंड से होती है और इन दोनों पर Tax लगता है। इसीलिए Reit’s में निवेश करने से हमें किसी भी तरह Tax में छूट नहीं मिलती है।
- Low Growth : Reit’s में निवेश से हमें सिर्फ रेगुलर डिविडेंड इन्कम प्राप्त होती है। लेकिन हमारे लगाएं capital यानी पैसा की ग्रोथ बहुत ही कम प्रतिशत होती है।
Reit’s में कितना रिटर्न मिलता है। Reit investment returns in india
फिलहाल भारत में सिर्फ तीन ही REIT लिस्टेड है। इनका पिछले एक साल का रिटर्न कुछ इस प्रकार है।
REIT’s In India | REIT 1 Unit Price | last Year Dividend Return | last Year stock Return |
---|---|---|---|
Brookfield India REIT | 290 | 7.62% | 2.20% |
Embassy Office Parks REIT | 342 | 6.40% | -5.35% |
Mindspace Business Parks REIT | 334 | 5.43% | 6.17% |
Reit’s में कैसे निवेश करें। How to invest in Reit’s
REITs – Real estate Investment Trust में निवेश करना किसी शेअर में निवेश करने जितना ही आसान होता है। क्योंकि भारत में जितने भी Reit’s है वह सब stock exchang पर लिस्टेड है तो आप सीधे शेअर्स की तरह स्टॉक एक्सचेंज से इन्हें खरीद या बेच सकते है।
शुरुआती दौर में REIT’S में निवेश करने कि न्यूनतम लिमिट 20 लाख रुपए थी। बाद में सेबी ने इसे घटाकर 50,000 रू किया था। लेकिन इसे अब और भी घटाकर 10,000 रुपए से 15,000 रु कर दिया है। यह अमाउंट REIT के IPO के लिए रखी गई है।
इसी के साथ सेबी ने इसमें ट्रेडिंग लॉट कि लिमिट 200 से घटकर 1 कर दी है। यानी पहले किसी भी REIT में निवेश करने के लिए 200 शेअर का एक लॉट लेना पड़ता था लेकिन अब आप इसका 1 युनिक भी खरीद सकते है।
यानी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड Reit’s में आप कम से कम 300 से 500 रुपए से निवेश कि शुरुआत कर सकते हैं। अगर किसी REIT के IPO में आपको निवेश करना है तो आपको कम से कम 15,000 रूपए लगेंगे।
भारत में फिलहाल तीन ही Reit’s स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है।
जैसे कि आप उपर देख सकते है आप अपने Demat Account में इनमें निवेश कर सकते हैं।
Best REIT कैसे चुनें।
किसी भी REIT में निवेश करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। क्योंकि भारत मे कभी ज्यादा Reit’s उपलब्ध नहीं है तो आपको सोच समझकर ही किसी REIT में निवेश करना चाहिए।
किसी भी REIT में निवेश करने से पहले आपको उस REIT के पिछले सालों का Dividend record देखना चाहिए कि कोई सी REIT अच्छे रिटर्न्स दे रही है।
Reit’s में निवेश करते वक्त आपको यह भी देखना चाहिए कि उस REIT के पास किस तरह की और कहा कहा पर प्रोपर्टीज है। क्योंकि प्रोपर्टीज अच्छी और अच्छे लोकेशन में होने से उस Reit को रेगुलर और अच्छी रेंटल income प्राप्त होगी और आपको भी अच्छा डिविडेंड मिलेगा।
एसी REIT का चुनाव करना चाहिए जो लंबे समय से इस क्षेत्र में काम कर रही हो।
समापन
Real Estate Investment Trust एक ऐसा साधना जो छोटे निवेशकों को Real Estate में निवेश करने का मौका देता है और regular रेंटल इन्कम प्राप्त करने का अवसर देता है। यह निवेश का साधन उन लोगों के लिए अच्छा है जो अपने पैसों पर अच्छे रिटर्न्स के बजाय एक रेगुलर income प्राप्त करना चाहते है।
किसी भी तरह का निवेश का फैसला लेने से पहले खुद की रिसर्च जरूर करें
FAQ
-
How to invest in Reit’s in India?
भारत में जितने भी Reit’s है वह सब स्टॉक मार्केट में लिस्टेड है। अपने डिमॉट अकाउंट से आप इनमें निवेश कर सकते है।
-
Reit’s में कम से कम कितना निवेश कर सकते है?
Reit’s में निवेश कि शुरुआत आप 300 से 500 रूपए में कर सकते हैं।
-
Reit’s में कितना रिटर्न मिलता है?
भारत में लिस्टेड Reit’s ने पिछले एक साल में 5% से 7% तक के Returns दिए हैं।
-
Reit’s को कौन Regulate करता है?
Reit’s को SEBI Regulate करती है।
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