एफआईआई और डीआईआई क्या है? What Is Fiis And Diis In Hindi

what is fii and dii
what is Fii and Dii

Fii and Dii Meaning :- अगर आप स्टॉक मार्केट के बारे में सीख रहे हैं तो आपने कहीं ना कहीं Fii और Dii के बारे पढ़ा होगा या financial news में कहीं ना कहीं fii and dii कि न्यूज सूनी होगी।

आखिर कोन होते है Fii’s और Dii’s?, स्टॉक मार्केट इनसे कैसे प्रभावित होता है, Fii और Dii activity कि जानकारी हम कहां से ले सकते है। आईए जानते है Fii’s और Dii’s कि सारी जानकारी हिंदी में।

क्या होते है Fii और Dii / what is FII and DII

Fii’s का मतलब (foreign institutional investors) यानी विदेशी संस्थागत निवेशक होता है और Dii’s का मतलब (domestic institutional investors) यानी घरेलू संस्थागत निवेशक होता है।

Fii’s और Dii’s काे समझने से पहले यह जान लें कि स्टॉक मार्केट में मेनली दो प्रकार के इन्वेस्टर्स होते हैं।

  • रिटेल इन्वेस्टर्स/Retail investors
  • इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स/ Institutional investors

1. Retail investors

रिटेल इन्वेस्टर्स वो होते है जो अपने खुद के पैसों को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते है। इनमें आप और हम जैसे छोटे निवेशक आते है। इनकी स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने कि क्षमता Institutional investors के मुकाबले कम होती है।

2. Institutional investors

इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स में वो निवेशक आते है जो बहुत सारे लोगों के Fund’s यानी पैसे को मैनेज करते है। इनमें म्युच्युअल फंड (mutual fund) कंपनीज, हेज फंड (Hedge fund) कंपनीज, पेंशन फंड, life insurance जैसी कंपनीया आती है।

स्टॉक मार्केट में रिटेल इन्वेस्टर्स के मुकाबले इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ज्यादा पैसों के साथ निवेश करते है। Institutional investors के पास अपनी खुद की रिसर्च टिम होती है। इसलिए वो अच्छी रिसर्च के बाद ही किसी कंपनी में निवेश करते है।

Institutional investors में भी दो प्रकार के इन्वेस्टर्स होते है।

  1. FII – Foreign institutional investors
  2. DII – Domestic institutional investors

जब कोई भारतीय institutional investors भारतीय बाजार में इन्वेस्ट करते है तो उसे Dii’s यानी डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स कहा जाता है। और जब कोई बाहरी देशों के institutional investors भारतीय बाजार में इन्वेस्ट करते है तो उसे Fii’s यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स कहां जाता है।

FII – Foreign institutional investors

आसान भाषा में समझें तो Fii’s वो institutional investors होते है जो दुसरे देशों में इन्वेस्ट करते हैं। उदाहरण के लिए मान लेते है कोई कंपनी USA में रजिस्टर है और वो India में इन्वेस्ट करेगी तो इसे Fii’s कहा जाएगा।

FII’s में investment bank’s, mutual fund, insurance corporation जैसी बड़ी बड़ी कंपनिया शामिल होती है। Fii’s बड़े captial के साथ स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते है।

इसलिए FII’s कि activity का स्टॉक मार्केट पर बहुत असर होता है।

किसी कंपनी की 51% से ज्यादा हिस्सेदारी Fii’s के पास चलीं जाए तो डोमेस्टिक कंपनीज का यानी हमारे देश के कंपनीज का कंट्रोल FII’s के पास जा सकता है।

इसलिए इंडियन स्टॉक मार्केट में FII को निवेश करने के लिए SEBI ने कुछ नियम और शर्तें लगाई है।

Indian स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने वाले कुछ बड़े FII’S के उदाहरण –

  • Blackstone Group
  • KKR
  • Euro Pacific Growth Fund
  • Franklin Templeton Investments Fund
  • Sequoia Capital
  • TPG Group

DII – Domestic institutional investors

डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स में वो institutional investors होते है जो अपने ही देश में इन्वेस्ट करते है। DII’s में भी investment bank’s, mutual fund, insurance corporation etc.. बड़ी कंपनिया शामिल होती है।

हमारे देश में DII’s के कुछ उदाहरण है –

  • SBI Mutual Fund.
  • UTI Mutual Fund.
  • LIC
  • ICICI Prudential Asset Management Company Ltd.
  • HDFC Mutual Fund.
  • Reliance Mutual Fund (Now Nippon India Mutual Fund)
  • Aditya Birla Sun Life Mutual Fund. etc..

FII’s और DII’s कि activity से स्टॉक मार्केट पर क्या Effect होता है।

FII’s और DII’s के पास बड़ा capital होने कि वजह से उन्होंने स्टॉक मार्केट में किया buy या sell से शेअर्स में हमें बड़े उतार चढ़ाव देखने को मिलते है।

अगर FII’s और DII’s शेअर्स को buy करते है तो उस कंपनी के शेअर में हमें अच्छी खासी रैली देखने को मिलती हैं।

वही अगर ये किसी कंपनी के शेअर्स को sell करते है तो हमें उस शेअर मे अच्छी खासी मंदी देखने को मिलती हैं।

Fii’s और Dii’s कि activity से पुरे मार्केट में तेजी या मंदी आ सकती है।

इसलिए traders को FII’s और DII’s कि activity पर नजर रखना महत्वपूर्ण हो जाता है।

FII’s and DII’s का data हम कहां पर चेक कर सकते हैं। how to check fii and dii activity

वैसे FII’s और DII’s का डाटा check करने के लिए बहुत सारे प्लेटफॉर्म उपलब्ध है। लेकिन ज्यादातर लोग Fii’s and Dii’s का डाटा देखने के लिए NSE और moneycontrol कि वेबसाईट का उपयोग करते है

data देखने के लिए Google पर सर्च करें “fii and dii data” फिर जो रिजल्ट में NSE site आएगी उसपर क्लिक करके आप fii और dii का उस दिन का data देख सकते है।

स्टॉक्स में FII और DII होल्डिंग्स का पता कैसे लगाएं?

किसी विशेष स्टॉक में FII और DII होल्डिंग्स को खोजने के लिए, आप moneycontrol site पर शेयरहोल्डिंग पैटर्न सेगमेंट में जा सकते हैं । बस इसके लिए , moneycontrol site पर जाएं और सर्च बार में आपको जिस कंपनी का डाटा देखना है उसका नाम सर्च करें

fii's and dii's holding data by moneycontrol.com
fii’s and dii’s holding data by moneycontrol.com

फिर निचे scroll करने के बाद आपको Finance सेक्शन में कंपनी की SHAREHOLDING देखने को मिलेगी। इसी में आपको कंपनी में पिछले quarter FII’s और DII’s कि कितनी होल्डिंग थी देखने को मिलेगी।

इसी तरह, आप moneycontrol site पर शेयरहोल्डिंग पैटर्न को देखकर भारत में किसी भी सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों में एफआईआई और डीआईआई होल्डिंग्स का पता लगा सकते हैं।

इस तरह आज हमने FII’s और DII’s के बारे में पढ़ा कि आखिर क्या होते है Fii’s और Dii’s, कैसे इनकी एक्टीविटी से स्टॉक मार्केट प्रभावित होता है और और क्यों trader’s इनपर नजर रखते हैं।

FAQ

स्टॉक मार्केट में FII और DII क्या है?

FII’s और Dii’s यह दो निवेशकों के प्रकार है जिसमें Fii’s का मतलब (foreign institutional investors) यानी विदेशी संस्थागत निवेशक होता है और Dii’s का मतलब (domestic institutional investors) यानी घरेलू संस्थागत निवेशक होता है।

DII का मतलब क्या होता है?

Dii’s का मतलब domestic institutional investors होता है।

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