Stock Market में कंपनी के एक सबसे छोटे हिस्से को स्टॉक यानी Share कहा जाता है। कंपनी का वह छोटा हिस्सा कंपनी का एक शेअर यानी एक (stock) कहलाता है।
आपने stock market और Shares के बारे में कही ना कही कुछ पढ़ा या सुना जरूर होगा। लेकिन क्या आप जानते है stock market में Share का मतलब क्या होता है। क्यूं कंपनी अपने शेअर्स बेचती है और कंपनी के शेअर्स कितने प्रकार के होते है। अगर नहीं तो यह पोस्ट आपके लिए है।
Share के बारे में पूरी जानकारी से पहले आपको बता दें कि stock market में share को ही Stock और Equity भी कहा जाता है।
शेअर क्या होता है। Shares Meaning in Hindi
Stock Market में कंपनी के एक सबसे छोटे हिस्से को स्टॉक यानी Share कहा जाता है। कंपनी का वह छोटा हिस्सा कंपनी का एक शेअर यानी एक (stock) कहलाता है।
आसान भाषा में कहा जाए तो जब किसी कंपनी के पूरे Share Capital को कही समान भागों में बांट देने पर जो सबसे छोटा हिस्सा बनता है उसे ही शेअर (share) कहा जाता है।
शेअर को और भी आसान तरीके से समझने के लिए हम एक उदाहरण से इसे समझने कि कोशिश करते है।
मान लेते है एक कंपनी ABC है जिसका Share Capital = 5000 रू है।
कंपनी अपने पूरे Share capital को 500 समान भागों में बांट देती है। तो यहां पर प्रत्येक भाग कि वॅल्यू 5000÷500 = 10 आ रही है। यह 10रू वाला भाग ही कंपनी ABC का सबसे छोटा हिस्सा है। इसलिए इस छोटे हिस्से को ही कंपनी का शेअर कहा जाए गा।
अगर आपके पास इस कंपनी के 5 शेअर है। तो आप इस कंपनी के 1% हिस्से के शेअरहोल्डर (share holder) बन जाते है।
वह कैसे समझते है : जैसे हमने ऊपर देखा कंपनी abc के एक शेअर कि price मुल्य 10रू है और आपके पास ऐसे 5 शेअर है। मतलब आपके पास 10×5 = 50रु के शेअर्स है। जो कंपनी के पूरे share capital – 5000 का 1% होता है।
Share capital क्या होता है। share capital means in hindi
Share capital का मतलब कंपनी अपने common or preferred stock को बेचकर जो पैसा जूटाती है उसे Share capital कहा जाता है। कंपनी का share capital भविष्य में और ज्यादा public offerings से बदल सकता है।
शेअर कैपिटल को निकालने के लिए कंपनी के टोटल नंबर औफ शेअर्स को शेअर प्राइज से गुना किया जाता है।
Share Capital का Formula
Share Capital = Total number of Share’s × Share price
शेअर्स की कुछ विशेषताएं
- शेअर्स कंपनी के छोटे हिस्से का प्रतिनिधित्व करते है। इसलिए शेयर्स में निवेश करने वालों को शेअर होल्डर कहा जाता है।
- अधिकतर सारी कंपनियों के पास शेअर्स होते है। लेकिन स्टॉक एक्सचेंजों पर सिर्फ सार्वजनिक रूप से काम करने वाली कंपनीयों के हि शेअर्स मिलते है।
- Common share धारकों को कंपनी में voting और अपेक्षित रिटर्न्सं का अधिकार होता है।
- Preferred shares शेअर धारकों को अपेक्षित रिटर्न्स का अधिकार नहीं होता लेकिन उसको रेगुलर आकर्षक डिविडेंड मिलाता रहता है।
share’s कितने प्रकार के होते है? types of shares in hindi
share market में share’s मेनली दो प्रकार के होते है। एक होते है Equity Shares और दुसरे होते है preference shares इन्हे इनके शेअर होल्डर और उनके अधिकार में होने वाले बदलाव के कारण अलग अलग कहा जाता है।
1) Equity Shares :
Common Shares को हि Equity Shares कहा जाता है। Common शेअर धारकों को कंपनी में वोटिंग करने का अधिकार होता है। साथ ही कंपनी के शेअर में आई वृद्धि का भी फायदा common शेअर होल्डर्स को मिलता है।
2) Preference shares :
प्रेफरेंस शेअर्स वह शेअर्स होते है जिनमें निवेश करने वाले निवेशकों को ना कंपनी में वोटिंग का अधिकार होता है और नाही कंपनी के शेअर्स में आई वृद्धि का फायदा मिलता है।
लेकिन प्रेफरेंस शेअर धारकों को common शेअर धारकों से पहले और रेग्युलर Divided मिलता है। साथ ही अगर कंपनी बैंक करप्ट यानी दिवालिया हो जाती है तो कंपनी कि सारी संपत्ति को बेचकर जो भी पैसा आएगा उसपर सबसे पहला हक प्रेफरेंस शेअर धारकों का होता है।
कंपनी शेअर्स क्यू बेचती है? Way company’s issue shares
शेअर का मतलब समजने के बाद आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा की कंपनी अपने शेअर्स आखीर क्यों बेचती है। कंपनी के शेअर्स को बेचने के कहीं कारण हो सकते है। इन्हीं में कुछ महत्वपूर्ण कारणों को हम यहां पर देखेंगे।
- पैसा जुटाने के लिए :- आप तौर पर किसी भी कंपनी का शेअर्स को बेचने का कारण पैसा जुटाना ही होता है। जब किसी कंपनी को अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पैसों कि जरुरत पड़ती है तो वह अपने कुछ शेअर्स बेचकर पैसा जुटाती है।
- कंपनी के कर्मचारियों के लिए :- कुछ कंपनीयां अपने कर्मचारियों को शेअर्स बेचती है। जब कर्मचारियों को यह शेअर्स डिस्काउंट पर दिए जाते है तो इसे (ESOP :- Employee Stock Option Plan) कहा जाता है। इससे जब कंपनी का शेअर शेअर मार्केट में लिस्ट होती है तब Employee’s को स्टॉक के भाव बढ़ने से फायदा होता है।
- कंपनी के निवेशकों के शेअर्स बेचने के लिए :- कंपनी के शुरुआती दिनों में जिन लोगों ने कंपनी में बड़े पैमाने पर निवेश किया है ऐसे शेअर होल्डर्स के शेअर्स को बेचने के लिए भी कंपनी अपने शेअर्स शेअर मार्केट में बेचती है।
- कर्ज चुकाने के लिए :- कहीं बार कंपनियां अपना कर्ज चुकाने के लिए भी अपने शेअर्स बेचती हैं।
कंपनी शेअर्स को कैसे बेचती है। How does a company sell shares?
अब आप जान गए है कि क्यों कंपनी अपने शेअर्स बेचती है। लेकिन अब सवाल यह है कि कैसे कोई कंपनी अपने शेअर्स बेचती है।
तो इसका जवाब है कोई भी कंपनी अपने शेअर्स बेचने के लिए IPO लाती है। IPO यानी Initial public offering
IPO एक तरीका है किसी भी कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट करने का। IPO लाने के लिए कंपनी के DRHP का SEBI से अप्रूवल लेना पड़ता है। SEBI से अप्रूवल मिलने के बाद कंपनी अपना IPO ला सकती है।
अब IPO कि इस प्रोसेस को ठिक से समझने के लिए आपको स्टॉक मार्केट की जानकारी होना आवश्यक है।
हम शेअर्स को कैसे खरीद सकते है। How to buy Share’s
किसी भी कंपनी के शेअर्स को खरीदने के लिए आपके पास किसी ब्रोकर का Demat account होना जरूरी है। बिना डिमेट अकाउंट के आप शेअर्स को नहीं खरीद सकते। डिमैट अकाउंट आपके शेअर्स को डिजिटली स्टोर करने का कार्य करता है। और साथ ही आपको स्टॉक मार्केट में शेअर्स को ट्रेड करणे का ऑप्शन देता है।
अगर आपको Demat account खोलना है तो आप घर बैठे Zerodha में अपना अकांउट खोल सकते है। जेरोधा इंडिया का नं १ स्टॉक ब्रोकर है। अगर आपको अकाउंट खोलने में हमारी मदद चाहिए तो आप निचे कमेंट कर सकते हैं।
Demat account खोलने के लिए लगने वाले कुछ Documents
- PAN card
- E-Aadhaar
- Canceled cheque
FAQ Abaut Share’s
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शेअर का अर्थ क्या होता है?
Stock Market में कंपनी के एक सबसे छोटे हिस्से को स्टॉक यानी Share कहा जाता है। कंपनी का वह छोटा हिस्सा कंपनी का एक शेअर यानी एक (stock) कहलाता है।
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शेअर्स को कैसे खरीद सकते है?
किसी स्टॉक ब्रोकर से Demat Account खोलकर आप शेअर्स खरीद सकते है।
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कंपनी अपने शेअर्स क्यों बेचती है?
कोई भी कंपनी पैसा जुटाना के लिए अपने शेअर्स बेचती है।
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