Escrow Account दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच होने वाली लेन-देन को सुरक्षित रखने कि सुविधा देने वाला एक अकाउंट होता है। जिसमें दो या उससे अधिक पार्टियों के बीच होने वाली वित्तीय संपत्ति और पैसों कि लेन-देन को सुरक्षा दी जाती है।
एस्क्रो अकाउंट विभिन्न वित्तीय लेनदेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं, जो लेनदेन में शामिल सभी पक्षों को सुरक्षा और मानसिक शांति प्रदान करते हैं। चाहे आप कोई संपत्ति खरीद रहे हों, कोई व्यावसायिक सौदा कर रहे हों, या ऑनलाइन लेनदेन कर रहे हों, आपको एस्क्रो खाते को समझना आवश्यक है।
इसलिए इस आर्टिकल में हम जानेंगे एस्क्रो अकाउंट का मतलब क्या होता है? escrow account कैसे काम करता है? एस्क्रो अकाउंट का उपयोग कहां कहां पर होता है? और escrow account कौन और कहां पर खोल सकता है।
Escrow Account का मतलब। Escrow Account Meaning in Hindi
Escrow Account दो पार्टियों के बीच होने वाली वित्तीय लेन-देन में सुरक्षा प्रदान करने के लिए मध्यस्थता के रूप में काम करने वाला एक अकाउंट होता है। इसको दो पक्षों के बीच होने वाली वित्तीय लेन-देन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से खोला जाता है।
जैसे कि अगर दो पक्षों के बीच अगर कोई बड़ी वित्तीय लेन-देन यानी सौदा होने वाला हो तो इसमें किसी एक पक्ष कि तरफ से डिफॉल्ट या धोखाधड़ी होने कि संभावना होती है।
इसलिए इस जोखिम को कम करने के लिए दोनों पक्ष escrow account के जरिए यह सौदा करते है।
क्योंकि एस्क्रो अकाउंट दो लेनदारों के बीच एक मध्यस्थता का काम करता है इसलिए इसके जरिए होने वाले सौदे में डिफॉल्ट या धोखाधड़ी होने कि संभावना नहीं होती है और लेन-देन सुरक्षित तरीके से हो जाती है।
escrow account वस्तुओं को रखने का एक कानूनी होल्डिंग खाता होता है जिन्हें पहले से तय वित्तीय नियम और शर्तों के पुरा होने तक रखा जाता है। इसमें आप तौर पर पैसा, स्टॉक, रियल एस्टेट, बॉन्ड या अन्य सिक्युरिटीज को रखा जाता है।
Escrow Account कैसे काम करता है? How work Escrow Account
Escrow Account को और भी अच्छे से समझने के लिए सबसे पहले आपको यह समझना पड़ेगा कि कैसे एक एस्क्रो अकाउंट काम करता है।
Escrow Account का उपयोग दो लोगों के बीच होने वाली वित्तीय लेन-देन के लिए किया जाता है, जिसमें किसी भी प्रकार कि वित्तीय लेन-देन हो सकती है। क्योंकि दिनों पक्षों में यह लेन-देन खरीदार और विक्रेता के बीच होती है इसलिए यहां पर हम खरीदार और विक्रेता के उदाहरण से इसे समझने कि कोशिश करेंगे।
Escrow Account को हम एक उदाहरण से आसानी से समझ सकते हैं।
उदाहरण के लिए एक व्यक्ति A एक Buyer है जिसे एक Seller यानी B से कुछ प्रोडक्ट या कोई संपत्ति खरीदनी है।
लेकिन यहां पर Buyer A को यह डर है कि अगर मैंने पहले उसे पैसे भेजे तो कहीं वह अपने प्रोडक्ट या संपत्ति मुझे देने से मना ना कर दे.. इसी तरह Seller को भी यह डर होता है कि अगर मैंने पहले अपने प्रोडक्ट या संपत्ति को Buyer A को दे दिए तो कहीं Buyer मुझे पैसा देने से मना ना कर दे…
इसी समस्या के समाधान के लिए buyer और seller एस्क्रो अकाउंट का उपयोग करते हैं। जब buyer और Seller सभी नियम और शर्तों के साथ व्यापार यानी सौदा करने के लिए तैयार हो जाते हैं तो वह एक एस्क्रो एजेंट के पास जाते हैं।
- इसमें सबसे पहले buyer लेन-देन राशि को एस्क्रो अकाउंट में जमा करता है। जिससे एस्क्रो एजेंट या buyer यह सुचना Seller को देते है।
- फिर Seller पहले से तय प्रोडक्ट या संपत्ति buyer को दे देता है।
- जैसे ही buyer यह सुचना एस्क्रो एजेंट को देता है buyer के escrow account में जमा कि धन राशि एस्क्रो एजेंट Seller को भेज देता है।
- यहां पर अगर किसी कारण से विक्रेता buyer को संपत्ति या प्रोडक्ट भेजने में असफल होता या विक्रेता डिफॉल्ट करता तो escrow account में जमा राशि एस्क्रो एजेंट फिर से buyer को भेज देता।
इस तरह escrow account कि मदद से यह सौदा पुरी तरह से सुरक्षित होता है।
Escrow Account अकाउंट के लाभ।
Escrow Account से होने वाले लाभ कुछ इस प्रकार है।
- सुरक्षित लेन-देन :- एस्क्रो अकाउंट कि मदद से दो लेनदारों के बीच होने वाले सौदे को एक कानूनी सुरक्षा मिलती है।
- नियम और शर्तों के साथ लेनदेन :- escrow account के साथ buyer और seller अपने हिसाब सौदे से संबंधित अपने हिसाब से नियम और शर्तों के साथ लेनदेन कर सकते हैं।
- मन की शांति :- खरीदार और विक्रेता दोनों विश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं, यह जानते हुए कि एक निष्पक्ष तीसरा पक्ष लेनदेन की देखरेख कर रहा है और सहमत शर्तों का पालन सुनिश्चित कर रहा है।
- पैसों के रिफंड की गारंटी :- अगर किसी वजह से विक्रेता अपने तय प्रोडक्ट या संपत्ति को खरीदार को देने में असफल होता है, तो खरीदार और अपने पैसों का रिफंड होने कि गारंटी होती है।
- monthly payment कि सुविधा :- escrow account आपको अपने घर या रियल एस्टेट से संबंधित अपने monthly Tax और Insurance को चुकाने के लिए Lump Sum Payment कि जगह monthly payment थोड़े थोड़े payment करने की सुविधा देता है।
- कुशल और पारदर्शी लेनदेन :- एस्क्रो खाते धन, संपत्ति या दस्तावेजों के हस्तांतरण को सुव्यवस्थित करते हैं, जिससे सभी पक्षों के लिए समग्र लेनदेन अधिक कुशल और पारदर्शी हो जाता है।
- विवाद समाधान :- यदि लेन-देन के दौरान कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो एस्क्रो एजेंट मध्यस्थ के रूप में कार्य कर सकता है, जिससे विवादों को निष्पक्ष और निष्पक्ष तरीके से सुलझाने में मदद मिल सकती है।
Escrow account का उपयोग कहां पर होता है?
Escrow Account का उपयोग अलग अलग प्रकार से होने वाले व्यापार और सौदों में होता है। जो कुछ इस प्रकार से है :
1. Real Estate :- escrow account का सबसे ज्यादा उपयोग रियल एस्टेट यानी घर, ज़मीन जायदाद, फ्लैट खरीदने के लिए किया जाता है। क्योंकि कोई भी प्रोपर्टी खरीदते समय लेने वाले को यह डर होता है कि कहीं पैसे देने का बाद भी उसे प्रोपर्टी मिलेगी या नहीं।
इसलिए यहां पर एस्क्रो अकाउंट खोला जाता है जिसमें खरीदार अपने पैसे जमा करता है और यह पैसा बिल्डर या दुसरे पार्टी को तभी मिलते हैं जब खरीदार को प्रोपर्टी मिलती है।
2. अधिग्रहण :- जब कोई व्यक्ति या कंपनी को दुसरे कंपनी का अधिग्रहण यानी कंपनी को खरीदना हो तो ऐसे बढ़े सौदे में भी escrow account का उपयोग किया जाता है। इसमें आम तौर पर जब तक दुसरे कंपनी का पुरा कंट्रोल खरीदार को नहीं मिलता तब तक विक्रेता को पैसा नहीं मिलता।
3. शेअर जारी करने के लिए :- कहीं कंपनीयां अपने कर्मचारियों को ESOPs के जरिए शेअर्स जारी करती है। लेकिन यह शेअर कर्मचारियों को तभी मिलते हैं जब वह कंपनी के कुछ नियमों और शर्तों में आते हैं। इसलिए कंपनीयां इन शेअर्स को escrow account में रखती है और जब कोई कर्मचारी उन नियमों के साथ ESOP के लिए पात्र होता है तब उसे वह शेअर्स जारी किए जाते हैं।
4. Online काम :- escrow account का उपयोग online काम करने वाले Freelancers के लिए भी होता है। क्योंकि उनका काम online होता है इसलिए यहां पर दुसरे पार्टी पर भरोसा करना मुश्किल होता है। इसलिए यहां पर escrow account का उपयोग होता है। उदाहरण के लिए जैसे Fiverr, Upwork जैसी online साइट पर काम करने वाले Freelancers
इसके अलावा भी escrow account का उपयोग और भी कहीं जगह और बिजनेस डील्स में किया जाता है।
Escrow account कौन और कैसे खोल सकता है। How to open Escrow Account in India
अगर बात करें escrow account खोलने की तो यह अकाउंट आप तब खोल सकते हैं जब आप कोई लेना-देना करना चाहते और आपको इस लेन-देन में एक सुरक्षा की गारंटी चाहिए।
अगर आप कोई प्रोपर्टी खरीदना चाहते हैं, कोई बिजनेस डील करना चाहते हैं, किसी कंपनी का अधिग्रहण या online काम करते है तो आपको escrow account की जरूरत पड़ती है।
Escrow Account आप किसी भी बैंक के जरिए खोल सकते हैं। जब आप बैंक से एस्क्रो अकाउंट खोलते हैं तब एस्क्रो एजेंट के तौर पर बैंक काम करता है।
Escrow Account खोलने के लिए buyer और seller को अपने लेन-देन से संबंधित जानकारी और दोनों पक्षों द्वारा नियम और शर्तों के पालन का एक एग्रीमेंट एस्क्रो एजेंट को सौंपना होता है।
अकाउंट खोलने के लिए आप बैंक में बैंक मैनेजर से बात कर सकते हैं। जो आपको इसके लिए लगने वाले सारे डॉक्युमेंट और प्रोसेस के बारे में जानकारी देगा।
सारांश।
Escrow Account तीसरे पक्ष द्वारा संचालित एक अस्थायी अकाउंट होता है, जो दो पार्टियों के बीच होने वाली लेन-देन को सुरक्षित तरीके से करने की सुविधा देता है। इस अकाउंट कि मदद से खरीदार और विक्रेता बिना डर और शांति से व्यापार कर सकते हैं।
FAQ About Escrow Account
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एस्क्रो अकाउंट क्या है?
Escrow Account तीसरे पक्ष द्वारा संचालित एक अस्थायी अकाउंट होता है, जो दो पार्टियों के बीच होने वाली लेन-देन को सुरक्षित तरीके से करने की सुविधा देता है।
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एस्क्रो अकाउंट कैसे काम करता है?
एस्क्रो अकाउंट दो पार्टियों के बीच मध्यस्थता का काम करता है। जिसमें पहले खरीदार अपने पैसों को जमा करता है। बाद में जब विक्रेता अपने प्रोडक्ट या संपत्ति को खरीदार को देता है तब एस्क्रो अकाउंट में पड़े खरीदार के पैसे विक्रेता को भेज दिए जाते हैं।
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Escrow Account से क्या लाभ होता है?
Escrow Account से दो पार्टियों के बीच होने वाली लेन-देन को सुरक्षा मिलती है।
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