Dividend meaning in hindi :- जब भी स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने की बात आती है तब उसमें dividend का ज़िक्र जरूर आता है। जब भी कोई शेअर बाजार में निवेश करता है तब उसे दो तरीकों से (Earning) यानी कमाई हो सकती है। पहला तरीका है शेअर कि प्राइज बढ़ने से और दुसरा तरीका है कंपनी ने दिए Dividend से।
तो क्या आपको पता है Dividend क्या होता है? कैसे आप स्टॉक मार्केट में निवेश करके Dividend income प्राप्त कर सकते है ? आज हम यहां पर डिविडेंड से जुड़ी हर वह बात आपको बताएंगे जो स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले निवेशकाेंं मालूम होनी चाहिए।
Dividend Meaning in Hindi | डिविडेंड क्या होता है?
डिविडेंड का मतलब जब कंपनी अपने Net Profit में से कुछ हिस्सा निवेशकों में बांटती है तो उसे डिविडेंड कहा जाता है।
वैसे हिंदी में Dividend का अर्थ लाभांश होता है। यानी किसी भी लाभ का अंश, लाभांश कहलाता है। और इसे ही अंग्रेजी में डिविडेंड कहा जाता है।
लेकिन जैसे कि यह पोस्ट स्टॉक मार्केट में मिलने वाले Dividend के बारे में है। इसलिए हम यहां पर सिर्फ Stock market dividend से जुडी जानकारी ही देखेंगे।
स्टॉक मार्केट में कुछ एसी भी कंपनीयां है जो समय समय पर अपने प्रोफिट में से कुछ हिस्सा अपने शेअर धारकों में बांटती है। मुनाफे के रूप में निवेशकों को मिलने वाला यही हिस्सा डिविडेंड कहलाता है। और ऐसे ही रेगुलर Dividend देने वाली कंपनीयों के शेअर को डिविडेंड स्टॉक (Dividend Stock) कहा जाता है।
आगर किसी कंपनी को डिविडेंड देना होता है तो वह कंपनी अपने प्रोफिट में से सारे खर्चे और टॅक्सेस को घटाने के बाट जो प्रोफिट बचता है उस में से डिविडेंड का भुकतान करती है। कंपनी कभी भी अपना पूरा प्रोफिट डिविडेंड में नहीं बाटती है।
कंपनी को जो कुछ प्रोफिट होता है उसमें से थोडे हिस्से को हि डिविडेंड के रूप में निवेशकों में बांटती है और प्रोफिट का बाकी बचा हिस्सा कंपनी फिर से बिजनेस में लगाती है। जिससे कंपनी के बिजनेस को बढाने में मदद मिलती है।
याद रखे कि कंपनियों को डिविडेंड देना अनिवार्य नहीं होता है। डिविडेंड देना है या नहीं देना यह पुरी तरह उस कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स पर निर्भर करता है।
कंपनीयां डिविडेंड क्यों देती है ? Why do companies pay dividends?
जैसे कि हमने ऊपर देखा किसी भी कंपनी को डिविडेंड देना अनिवार्य नहीं होता। लेकिन फिर भी कुछ कंपनीयां रेगुलर अपने निवेशकों को डिविडेंड देती है।
इसके पिछे कंपनी के कुछ कारण :-
- निवेशकों का विश्वास बनाए रखने के लिए :- रेगुलर डिविडेंड देने वाली कंपनीयों को मार्केट में ज्यादातर फाइनेंशियली मजबूत कंपनी के रूप में देखा जाता है। निवेशकों के इसी विश्वास को बनाए रखने के लिए कंपनी डिविडेंड दे सकती है। ( याद रखें हर डिविडेंड देने वाली कंपनी फाइनेंशियली मजबूत नहीं होती)
- कंपनी का भविष्य में कोई बिजनेस प्लान न होना :- एक अच्छा डिविडेंड कंपनी के ज्यादा प्रॉफिटेबल होने का संकेत हो सकता है। लेकिन इसके साथ ही वह यह भी संकेत देता है कि शायद कंपनी के पास भविष्य में बिजनेस को बढ़ाने का कोई प्लान नहीं बजा है और इसलिए कंपनी अपना प्रोफिट फिर से बिजनेस में लगाने के बजाय निवेशकों में बांट रही है।
लंबे समय तक अच्छा dividend देने वाली कंपनी अगर डिविडेंड कम करती है। या डिविडेंड देना बंद करती है तो यह निवेशकों के लिए संकेत हो सकता है कि वह कंपनी मुश्किल में है।
हालांकि, यह मानना गलत होगा कि लाभांश कम करना या बंद करना हर कंपनी के लिए बुरी ख़बर हो। इसके पिछे यह भी कारण हो सकता है कि कंपनी को भविष्य में बिजनेस को बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत आ पड़ी हो।
Dividend कि प्रक्रिया/ How do Dividend works
- Step 1 :- स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी प्रोफिट कमाती है और अच्छा रिजर्व बैलेंस को मेंटेन करती है।
- Step 2 :- कंपनी के (AGM – Annual general meeting) में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स डिविडेंड का प्रस्ताव रखते हैं।
- Step 3 :- कंपनी का मेनेजमेंट और शेखर होल्डर्स उस प्रस्ताव को अप्रूवल देते हैं।
- Step 4 :- अप्रूवल मिलने के बाद कंपनी डिविडेंड देने कि dates को डिक्लेयर करती है।
- Step 5 :- अंत में डिक्लेयर कि गई तारीख को डिविडेंड शेअर धारकों में बांटा जाता है।
डिविडेंड कितने प्रकार के होते हैं? Types of Dividend’s
स्टॉक मार्केट में दिए जाने वाले डिविडेंड कि अगर बात करें तो आज कल कि कंपनीयां ज्यादातर Cash Dividend ही देती है।लेकिन इस डिविडेंड के अलावा भी कुछ अन्य डिविडेंड के प्रकार होते हैं जो कंपनी अपने लाभांश को बांटने के लिए करती है।
स्टॉक मार्केट में कुल पांच प्रकार के डिविडेंड होते है।
- Cash Dividend
- Stock Dividend
- Property Dividend
- Scrip Dividend
- Liquidating Dividend
इन पांचों प्रकारों में से कंपनी एक टाइम में सिर्फ एक ही प्रकार का डिविडेंड देती है। अब इन सबका मतलब क्या होता है चलिए जानते हैं।
1. Cash Dividend
जब कंपनी अपने शेअर्स धारकों को सीधे कैश के रुप में पेमेंट करती है तो उसे कैश डिविडेंड कहा जाता है। इस डिविडेंड का वितरण चेक के माध्यम से या सीधे शेअर धारकों के बैंक अकाउंट में Online ट्रान्सफर करती है। ज्यादातर कंपनियां Case Dividend ही देती है।
2. Stock Dividend
स्टॉक डिविडेंड में कंपनी अपने शेअर धारकों को और extra शेअर्स डिविडेंड के रूप में देती है। इसके लिए कंपनी नए शेअर्स इश्यू करती है।
यह शेअर्स निवेशकों को उनके पास होने वाले शेअर्स के अनुपात में दिए जाते है। यानी अगर कंपनी ने 1:1 शेअर डिविडेंड के रूप में देने का फैसला किया है तो शेअर धारकों को अपने प्रत्येक शेअर के पिछे एक शेअर फ्री में मिलेगा।
3. Property Dividend
Property Dividend कंपनी द्वारा संपत्ति के तौर पर दिया जाने वाला डिविडेंड होता है ना कि कैश के द्वारा। मतलब जब कंपनी कैश ना देकर अपने प्रोडक्ट या कोई संपत्ति डिविडेंड के रूप में बांटती है तो उसे Property Dividend कहा जाता है।
इसे Asset Dividend के नाम से भी जाना जाता है। Assets डिविडेंड एक विकल्प है Cash और Stock डिविडेंड का। लेकिन लाभांश के रूप में संपत्ति को बांटने कि प्रथा अभी काफी दुर्लभ है। या शायद विलुप्त हो चुकी है।
4. Scrip Dividend
जब कंपनी अपने शेअर धारकों को सिधे कैश या स्टॉक ना देकर एक लिखीत script दे जिसमें निवेशकों को भविष्य में और ज्यादा शेअर्स देने का वादा हो। तो उसे Script Dividend कहा जाता है।
येसा करने के पिछे कारण हो सकता है कि कंपनी के पास पैसे कि कमी हो और कंपनी उस वक्त अपने शेअर्स भी ना देना चाहती हो।
5. Liquidating Dividend
जब कोई कंपनी अपना बिजनेस बंद करती है तो उसे अपने शेअर धारकों में कंपनी की संपत्ति को समान रूप में बांटना होता है। उस बांटी हुई संपत्ति को ही Liquidating Dividend कहा जाता है। इस डिविडेंड को कंपनी शेअर कि संख्या के आधार पर बांटती है।
Liquidating Dividend किसी भी कंपनी द्वारा दिया जाने वाला आख़री डिविडेंड होता है।
डिविडेंड से जुड़ी महत्वपूर्ण तारीखे। Important Dividend Dates
कोई भी कंपनी जब डिविडेंड कि घोषणा करती है तब वह उसके साथ ही कुछ तारीखों की यानी Dates कि भी घोषणा करती है। इन तारीखों से हि हम जान सकते हैं कि किन लोगों को डिविडेंड मिलेगा और किन लोगों को नहीं मिलेगा।
अगर आपको सिर्फ डिविडेंड के लिए किसी कंपनी के शेअर्स खरीदना चाहते है तो आपको इन Dates के बारे में जानना जरूरी है।
1. Declaration Date :- जिस दिन कंपनी अपने डिविडेंड कि घोषणा करती है उस तारीख को Declaration Date या Announcement Date कहा जाता है।
2. Record Date :- रेकॉर्ड डेट वह Date होती है जिस दिन आपके डिमॅट अकाउंट में उस कंपनी के शेअर्स होने से ही आपको डिविडेंड मिलेगा।
इसे आसानी से समझने के लिए एक उदाहरण देखते हैं।
मान लीजिए कि एक XYZ कंपनी है। जिसने डिविडेंड जारी किया है और Record date है 5 जनवरी रखी है।
यहां पर आपको बता दें कि इंडिया में जब आप शेअर्स को खरीदेते है तो वह उसी दिन आपके डिमेट अकाउंट में ना आकर दो दिन बाद अकाउंट में जमा होते है।
इसलिए अगर आपको XYZ इस कंपनी का Dividend लेना है तो आपको उस कंपनी के शेअर्स 5 जनवरी के दो दिन पहले यांनी 3 जनवरी को ही खरीदने पड़ेंगे।
इसलिए ध्यान रहे कि अगर आप रेकॉर्ड डेट पर या रेकॉर्ड डेट के बाद शेअर्स खरीदते हैं तो आपको डिविडेंड नहीं मिलेगा।
3. Ex-Dividend Date :- Ex Date से हमें यह पता चलता है कि किसी तारीख को शेअर्स खरीदने से Record date पर शेअर्स हमारे डिमेट अकाउंट में आएंगे।
यानी Ex Date के एक दिन पहले शेअर्स खरीदने से Record date तक शेअर्स आपके अकाउंट में जमा होते हैं।
Ex Date मेनली Record date के एक दिन पहले होती है। लेकिन Record date अगर Monday के दिन आए तो इस केस में Ex Date Sunday को ना होकर Friday को तय कि जाती है। क्योंकि शनिवार और रविवार स्टॉक मार्केट बंद रहता है।
Payment Date :- यह वह Date होती है जिस दिन शेअर धारकों को डिविडेंड कि प्राप्त होता है।
Dividend कितनी बार मिलता है?
डिविडेंट कितनी बार मिलता है यह जानने से पहले आपको बता दे कि सारी कंपनियां हर तिन महिने में अपना प्रोफिट रिपोर्ट जारी करती है। इस रिपार्ट को Quarterly Report यानी तिमाही रिपोर्ट कहां जाता है। साल में एसे 4 Quarter होते है।
इसके अलावा कपनियां साल खत्म होने के बाद एक पुरे साल का profit or loss रिपार्ट भी जारी करती है। उसे एन्युअल रिपोर्ट (Annual report) कहा जाता है।
अब यहा पर कंपनी Quarterly Report के बाद या Annual report के बाद भी डिविडेंड जारी करने कि घोषना कर सकती है। इनके डिविडेंड जारी करने के हिसाब से डिविडेंड को दो प्रकारों में बाटा गया है।
यह दो प्रकार इस प्रकार है।
Interim Dividend :
जब कंपनी साल के बिच में किसी Quarterly Report के बाद डिविडेंड जारी करती है तो उसे Interim dividend कहा जाता है। यह डिविडेंड कंपनी साल खत्म होने से पहले किसी भी तिमाही में जारी कर सकती है।
Final Dividend :
जब कंपनी साल खत्म होने के बात यानी Annual report के बाद डिविडेंड जारी करती है। तो उसे फायनल डिविडेंड कहा जाता है। फायनल डिविडेंड कंपनी साल में सिर्फ एक बार दे सकती है।
जो कंपनी रेगुलर डिविडेंड देती है वह कंपनी साल में कम से कम एक बार तो डिविडेंड देती है। तो कुछ कंपनीयां साल में 2 या 3 बार भी डिविडेंड देती है।
Dividend Yield का मतलब क्या होता है? what is dividend yield
डिविडेंड यील्ड एक फाइनेंशियल रेश्यो है। जो हमें यह पता लगाने में मदद करता है कि कंपनी ने जारी किया डिविडेंड उसके शेअर प्रकार के मुकाबले कितना है।
यानी कंपनी जो डिविडेंड जारी करती है वह उसके Correct share price का कितना प्रतिशत है। यह हमें डिविडेंड यील्ड से पता चलता है।
डिविडेंड के फायदे। Benifits of Dividend
- डिविडेंड एक अच्छा Passive Income कमाने का साधन है।
- Dividend से मिलने वाले पैसों से आप फिर से किसी कंपनी में निवेश कर सकते हैं।
- किसी कंपनी में लंबे समय तक invested टिके रहने के लिए निवेशकों को डिविडेंड मदद करता है।
डिविडेंड का कंपनी के शेयर प्राइज पर क्या असर पड़ता है।
डिविडेंड का कंपनी के शेयर प्राइज पर असर पड़ सकता है। डिविडेंड जारी करने वाली कंपनी का शेअर उस जारी किए डिविडेंड जितना बढ़ सकता है और Ex- Date के दिन उतना ही कम हो सकता है।
उदाहरण के लिए, एक कंपनी है जिसका शेअर प्राइज 100 रू चल रहा है। वह कंपनी पांच रूपए का डिविडेंड जारी करती है और यह न्युज जब मार्केट में आती है तो उस शेअर कि प्राइज 105 रू हो सकती है।
अगर Ex date के पहले दिन शेअर प्राइज 107 पर ट्रेड कर रही है तो वह Ex date के दिन कंपनी ने जारी किए डिविडेंड यानी 5 रु से संतुलित हाेकर कम हो सकती है।
आसान भाषा में कहा जाए तो Ex date के दिन कंपनी के शेअर कि Price कम हो सकती है।
यह जरूरी नहीं कि ऐसा हर बार हों लेकिन ज्यादातर बार ऐसा हि होता है।
डिविडेंड पर कितना टैक्स लगता है। Tax on Dividend
30 मार्च 2020 से पहले जब भी कोई कंपनी डिविडेंड देती थी तब कंपनी सरकार को पहले ही Dividend Distribution Tax देती थी। इसलिए निवेशकों को इसपर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था।
लेकिन यह रुल चेंज होने के बात 1 एप्रिल 2020 से आपको Dividend पर आपके Income स्लेब के हिसाब से Tax देना होगा। इसके साथ ही अगर कोई कंपनी आपको 5,000रू से ज्यादा का डिविडेंड देती है तो वह कंपनी आपसे 10% का TDS Tax भी काट लेगी।
डिविडेंड को कैसे प्राप्त करें।
डिविडेंड के बारे में सारी जानकारी जानने के बाद अब सवाल यह आता है कि डिविडेंड कैसे मिलेगा।
ज्यादातर येसा देखा गया है कि जो बड़ी और प्रॉफिटेबल कंपनियां होती है वह ज्यादा और रेगुलर डिविडेंड देती है। इसके साथ ही जो सरकारी कंपनियां होती है वह भी अपने निवेशकों को अच्छा खासा डिविडेंड देती है।
इसलिए अगर आपको सिर्फ डिविडेंड के लिए किसी कंपनी में निवेश करना है तो आप ऐसी कंपनियों की तरफ देखा सकते हैं।
इसके अलावा आप रेगुलर डिविडेंड के लिए Index fund, म्यूचुअल फंड और ETF – exchange-traded fund में भी निवेश कर सकते हैं।
हमें डिविडेंड कहा पर प्राप्त होता है।
डिविडेंड हमें सीधे हमारे बैंक अकाउंट में प्राप्त होता है। जिस डिमेट अकाउंट से हम शेअर्स खरीदते हैं उस डिमेट अकाउंट के साथ हमारा जो बैंक अकाउंट लिंक होता है। उस अकांउट में कंपनी हमें डिविडेंड भेज देती है।
सारांश
तो दोस्तों यह थी Dividend से जुड़ी वह जानकारी जिसे जानना हर निवेशक के लिए महत्वपूर्ण है।
डिविडेंड पर दि गई हमारी यह जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे शेयर करें और इससे जुड़ा कोई सवाल हो तो हमें कमेंट में ज़रूर पूछे।
डिविडेंड से जुड़े सवाल और जवाब
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क्या Record date के दिन शेअर्स बेचने पर डिविडेंड मिलेगा?
हा ! अगर आप Ex Date से पहले शेअर्स खरीदते है और Record date के दिन शेअर्स बेचते है तो आपको डिविडेंड मिलेगा।
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क्या डिविडेंड पर Tax देना पड़ता है?
हां! डिविडेंड पर टैक्स देना पड़ता है।
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डिविडेंड कितने दिनों में मिलता है?
डिविडेंड ज्यादातर Record date के 15 दिनों के अंदर मिल जाता है।
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