Assets and Liabilities meaning in Hindi | जानिए क्या है assets or liabilitie

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assets and liabilities meaning in hindi
what is assets and liabilities

assets and liabilities किसी भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी की महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी (Financial Information) होती हैं जो हमें उनके संपतियों और क़र्ज़ यानी देनदारियों के बारे में जानकारी देती है। किसी भी कंपनी, संस्था या व्यक्ति के लिए assets वह संपत्ति है जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होता है या बाद में होने वाल है। वहीं पर liabilities एक ऐसा कर्ज़ या कहें देनदारी है जो उन्हें बाद में चुकानी है।

चाहे किसी कंपनी, संस्था की Balance sheet हो या parsonal finance से संबंधित कोई आर्टिकल हों आपने इसमें assets और liabilities के बारे जरूर कुछ ना कुछ सुना होगा।

लेकिन कहीं बार हमें assets और liabilities को समझने में परेशानी होती है। इसलिए आज हम इस आर्टिकल में assets और liabilities को आसानी से समझने कि कोशिश करेंगे। आखिर Assets और liabilities होते क्या है? क्यों personal finance में इसे इतना महत्व दिया जाता है? कैसे हम कंपनी के Balence sheet में दिए assets और liabilities को समझ सकते है?

यह सब जानकारी आज हम इस आर्टिकल में देखेंगे।

Assets क्या है? What is assets in Hindi

किसी भी कंपनी, संस्था या व्यक्ति के लिए asset एक ऐसी चीज है जिनपर वह अपना मालिकाना हक रखतें हैं और जिनसे उन्हें economic value यानी आर्थिक लाभ प्राप्त होता है या बाद में हो सकता है। यानी हर वह चीज़ें जिनसे किसी कंपनी, संस्था या व्यक्ति को आर्थिक लाभ होता है वह चीज़ें उनके लिए assets है।

इसे आसानी से समझने के लिए हम एक उदाहरण देखते हैं।

उदाहरण के लिए मानते हैं एक कंपनी है जिसके पास अपने खुद के ऑफिस है, ऑफिस में काम करने वाले लोगों के लिए Computer’s है, कंप्यूटर्स में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर है, कंपनी के पास प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रोडक्शन मशीन्स है और उस कंपनी के पास कुछ real estate प्रोपर्टीज हैं। तो यह सब चीजें जिनकी वजह से कंपनी चल रही है और जिनसे कंपनी को पैसा कमाने के लिए मदद हो रही है वह सब चीजें उस कंपनी के लिए assets है।

किसी कंपनी के पास इनके अलावा भी कुछ assets हो सकते हैं। जो कुछ इस प्रकार है।

  • कैश/ Cash
  • ब्रांड वैल्यू/ Brand Value
  • पेटेंट/ Patent
  • Cash and cash equivalents
  • Accounts Receivable
  • Inventory
  • InvestmentsPPE (Property, Plant, and Equipment)
  • वाहन/ Vehicles
  • Furniture/फर्नीचर
  • Patents (intangible asset)
  • Software’s (intangible asset)

इसी तरह एक व्यक्ति भी अपने पास कुछ assets रखता है। जिनसे उसे बाद में आर्थिक लाभ हो सकें। इन assets में अलग अलग व्यक्ति के पास अलग अलग assets हो सकते है।

जैसे की किसी व्यक्ति के पास उसके पैसे उसके लिए asset है, उसके पास अगर कोई सोना या चांदी है तो वह उसके लिए asset है, उसका खुद का घर उसके लिए एक asset है। अगर उसके पास कोई car या कुछ गाड़ीयां है तो वह उसके लिए एसेट है। Real estate प्रोपर्टी जिससे उसे रेंटल इन्कम प्राप्त हो वह उसके लिए एसेट है, इसी तरह उसके पास अगर कोई मशीनें या कोई वाहन है जिन्हें वह रेंट पर देकर पैसा कमाता है तो वह सब चीजें उसके लिए assets है।

इसी तरह एक व्यक्ति के पास अलग अलग assets हो सकते हैं। जैसे अगर कोई फोटोग्राफर है तो उसका camera उसके लिए एक asset है। अगर कोई Blogger है तो उसकी website उसके लिये एक asset है। अगर किसी व्यक्ति के पास किसी कंपनी के शेअर्स है तो वह शेअर्स भी उस व्यक्ति के लिए एसेट है। इसी तरह हर वह चीज जिसकी अपनी खुद की कुछ वैल्यू है वह हर चीज उस व्यक्ति के लिए assets है।

Asset’s जो किसी व्यक्ति के पास हो सकते है।

  • Home
  • Car’s
  • Money/पैसा
  • Real estate property
  • Bank accounts
  • Gold/silver jewelry/coins
  • Valuable Art
  • Multi type Insurance’s

आसान भाषा में जिन चीजों से आपको आर्थिक लाभ होता है या बाद में होने वाला है तो वह सब चीजें आपके लिए Assets है। किसी भी व्यक्ति या कंपनी के जितने ज्यादा Assets हो उतना अच्छा होता है। अगर किसी कंपनी के पास उसके Liabilities से ज्यादा Assets है तो वह financially मजबूत कंपनी हो सकती है।

वैसे ही एक व्यक्ति के पास कितने Assets है उससे उस व्यक्ति के financials का पता चलता है। इसलिए हर व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा Assets में निवेश करना चाहिए जिससे वह financially Free यानी उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकें।

Assets के प्रकार। Types of Assets

किसी भी कंपनी के Balence Sheet में अलग अलग प्रकार के Assets होते हैं। जो कुछ इस प्रकार है।

  • Current Assets : current Assets किसी भी कंपनी के वह assets होते हैं जो कंपनी के पास एक साल से कम टाइम के लिए होते है। यानी ऐसे assets जिनको कंपनी एक साल से पहले cash में कन्वर्ट कर सकती है।
  • Non-Current Assets : non current assets को long-term assets भी कहा जाता है। यानी ऐसे assets जो किसी भी कंपनी के पास एक साल से ज्यादा time के लिए होते है।

इसके अलावा assets को उनके भौतिक अस्तित्व के आधार पर भी दो भागों में बांटा जाता है।

  • Tangible Assets : Tangible Assets वह assets होते हैं जो फिजिकल रूप में Available होते हैं। यानी जिन्हें हम छु सकते हैं और मेहसूस कर सकते हैं। जैसे कोई
    Land, Building, Machinery, Equipment, Cash
  • Intangible Assets : यह वह assets होते हैं जिन्हें हम देख नहीं सकते या छु नहीं सकते। जिसमें computer software, brand value, patent etc..

Liabilities क्या है? What is Liabilities in Hindi

किसी भी कंपनी या व्यक्ति के लिए Liabilities एक ऐसा कर्ज़ या कहें देनदारी है जिसे बाद में चुकानी है। आसान भाषा में कहें तो कंपनी के liabilities में वह सारी चीजें आती है जिसे कंपनी को किसी और को देनी है या कहें चुकानी है।

इनमें Bank debt, Mortgage debt, accounts payable, long-term provision, जैसी liabilities हो सकती है।

Liabilities के प्रकार। Types of Liabilities

किसी भी कंपनी के Balence sheet में दो प्रकार की liabilities होती है।

  • Current Liabilities : यानी ऐसी देनदारियां जो किसी भी कंपनी पर एक साल से कम समय के लिए होती है। जैसे short term loan, trad payable etc..
  • Non-Current Liabilities : यह ऐसी देनदारियां होती है जो कंपनी पर एक साल या उससे ज्यादा समय के लिए होती हैं। जैसे long term Loan…

कंपनी के Balence sheet में assets or liabilities को अच्छी तरह से समजना जरुरी है। Balance sheet में आने वाले सारे assets और liabilities को हम जल्द ही अगले आर्टिकल में समझेंगे।

इसी तरह एक व्यक्ति के लिए Liabilities कुछ अलग हो सकती है। जैसे किसी व्यक्ति पर कोई कर्ज़ यानी कोई बैंक लोन हो तो वह उस व्यक्ति की liabilities होगा।

Assets और liabilities में क्या अंतर है? Difference between assets and liabilities

किसी भी व्यक्ति या कंपनी के लिए assets वह चीज़ें है जिनसे उन्हें आर्थिक लाभ होता है या बाद में हो सकता है लेकिन liabilities में ऐसी चीजें आती है जो किसी कंपनी या व्यक्ति के लिए क़र्ज़ की तरह काम करती है। यानी ऐसी चीजें जिन्हें कंपनी को बाद में किसी को चुकानी है।

आसान भाषा में assets में वह चीजे आती हैं जिनसे आर्थिक लाभ होता है और Liabilities में वह चीज़ें आती है जिन्हें आपको बाद में किसी को चुकाना है।

Assets और Liabilities में अंतर

AssetsLiabilities
Assets में वह चीज़ें आती है जो भविष्य में किसी व्यवसाय के लिए लाभ प्रदान करेगी।Liabilities में वह चीज़ें आती है जो किसी व्यवसाय के लिए क़र्ज़ या देनदारी है।
Assets किसी भी बिजनेस की Value बढ़ाते है।वहीं Liabilities किसी भी बिजनेस की Value कम करते है।
Asset का Formula
Assets = Liabilities + Shareholder’s Equity
Liabilities का Formula
Liabilities = Assets – Shareholder’s Equity
Assets किसी भी व्यवसाय के लिए cash यानी पैसा उत्पन्न करने में मदद करते हैं।वहीं liabilities किसी व्यवसाय से cash को बाहर करने का काम करते हैं।
Assets के प्रकारों में current assets, non-current assets, tangible Assets, intangible assets आते है।वहीं liabilities के प्रकारों में current liabilities और non-current liabilities आती है।
Assets में Cash, Account Receivable, Goodwill, Investments, Building, etc. जैसी चीजें आती है।Liabilities में Accounts payable, Interest payable, Deferred revenue etc जैसी चीजें आती है।
Assets vs liabilities
difference between assets vs. liabilities

समाप्ती।

आज हमनें assets और liabilities के बारे में जाना कैसे assets और liabilities से किसी कंपनी पर क्या असर पड़ता है। क्यो assets और liabilities के बारे में जानना हमारे लिए जरूरी है। कैसे assets किसी कंपनी की तरह एक व्यक्ति के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं।

FAQ

  1. एसेट एंड लायबिलिटीज क्या है?

    हर वह चीज़ें जिनसे किसी कंपनी, संस्था या व्यक्ति को आर्थिक लाभ होता है वह चीज़ें उनके लिए assets है। लेकिन liabilities में ऐसी चीजें आती है जो किसी कंपनी या व्यक्ति के लिए क़र्ज़ की तरह काम करती है। यानी ऐसी चीजें जिन्हें कंपनी या व्यक्ति को बाद में किसी को चुकानी है।

  2. लायबिलिटी कितने प्रकार के होते हैं?

    liabilities दो प्रकार की होती है। 1) Current Liabilities 2) Non-Current Liabilities

  3. लायबिलिटी का मतलब क्या होता है?

    किसी भी कंपनी या व्यक्ति के लिए Liabilities एक ऐसा कर्ज़ या कहें देनदारी है जिसे बाद में चुकानी है। आसान भाषा में कहें तो कंपनी के liabilities में वह सारी चीजें आती है जिसे कंपनी को किसी और को देनी है या कहें चुकानी है।

  4. एसेट को हिंदी में क्या कहते हैं?

    Asset को हिंदी में संपत्ती कहते हैं। यानी ऐसी चीज जो आपको आर्थिक लाभ देती हो या भविष्य में देने वाली हो।

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