शेयर बाज़ार यानी (share market) एक ऐसा बाज़ार है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। यहाँ पर कंपनियां अपनी हिस्सेदारी को बेचकर अपने बिजनेस के लिए पैसा जुटाने का काम करती है।
‘स्टॉक मार्केट’ यह दो शब्द इन कुछ सालों में बहुत चर्चा में है. हर कोई Share market के बारे में जानना चाहता है और सीखना चाहता है। लेकिन सही जानकारी ना मिलने के कारण कही लोग इसका फायदा नहीं उठा पाते।
इसीलीए Share market को आज हम इस पोस्ट के जरीए समजने की कोशिश करेंगे कि आखीर स्टॉक मार्केट होता क्या हैं और केसे काम करता हैं।
स्टॉक मार्केट को समझने से पहले आपको बता दे की स्टॉक मार्केट को ही शेयर बाजार/मार्केट और इक्वीटी मार्केट भी कहते है. इन तीनों का मतलब एक हि होता है।
स्टॉक मार्केट क्या है? what is Share market
तो दोस्तो ‘Stock market‘ एक एसा मार्केट होता है जहा पर आप और हम जैसे लोग छोटी से लेकर बढी कंपनी की हिस्सेदारी खरीद सकते है और बेच सकते हैं।
मतलब आप उस कंपनी का कुछ हिस्सा खरीद सकते है और बाद मैं बेच सकते हैं. या फिर आसान भाषा में कहे तो हम कंपनी के जीतने हिस्से खरीदते है उतने हिस्से के पार्टनर होते हैं।
लेकिन यहा पर हम आपको बता दे कि जो कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होती है या कहे लिस्टेड होती है उसी कंपनी के शेअर्स/हिस्सा हम खरीद या बेच सकते है।
अब सवाल यह आता है की स्टॉक मार्केट में कंपनी लिस्ट कहा पर होती है।
तो दोस्तों आपको बता दे की किसी भी कंपनी को Share market में लिस्ट होने के लीए उस देश के स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होता पडता है।
यहा पर उस देश का मतलब है की हर देश का स्टॉक एस्कचेंज अलग अलग होता है. जैसे अमेरिका स्टॉक एक्सचेंजेस का नाम (NYSE) New yourk stock Exchange और (NASDAQ) National Association of Securities Dealers है।
वैसे ही भारत में भी दो महत्त्वपुर्ण स्टॉक एक्सचेंजेस है। इनमें (BSE) यानी Bombay Stock Exchange और (NSE) यानी National Stock Exchange है। इसके अलावा भी कुछ स्टॉक एक्सचेंजेस है लेकिन अब ओ काफी हद तक बंद हो चुके है।
स्टॉक एक्सचेंज होता क्या है और इसका काम क्या होता हैं ?
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह होती है जहा पर कोई भी कंपनी स्टॉक मार्केट में आधीकारीक तौर पर लिस्ट हो सके या कहे की स्टॉक मार्केट में आने के लिए किसी भी कंपनी को स्टॉक एस्कचेंज में लिस्ट होना ही पडता हैं।
अब हे समजीए की स्टॉक एक्सचेंज का क्या काम होता है।
- स्टॉक एक्सचेंज बायर और सेलर कि वॉर्डर एक्जीक्युट करणे का काम करती हे. मतलब जीसे शेअर्स खरीदना है और जीसे शेअर्स बेचना है उनके ऑर्डर को पुरा करणे का काम एक्सचेंज का होता है।
- इसके साथ ही जो कंपनी स्टॉक मार्केट में लीस्ट होना चाहती हे उसे स्टॉक मार्केट मे लिस्ट होने में मदत करना भी स्टॉक एक्सचेंज का काम होता है।
स्टॉक एक्सचेंजेस के बारे में कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी जो आपको पता होनी चाहिए।
अब आपको पता है की Share market में जब आप कोई शेअर खरीदते हे या बेचते हे तो लेन-देन को सुचारू रूप से काम करणे के लिए स्टॉक एक्सचेंज काम करता है। लेकिन इन स्टॉक एक्सचेंजेस को चलाने के लिए क्लिअरिंग कॅर्पोरेशन काम करते है।
भारत में दो स्टॉक एस्कचेंजेस की दो क्लिअरिंग कॉर्पोरेशन है।
- नेशनल सेक्योरिटीज क्लिअरिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (NSCCL)
- इंडियन क्लिअरिंग कॉरपोशेशन लिमिटेड यानी (BSE)
NSE स्टॉक एक्सचेंज का क्लिअरिंग कॉरपोरेशन NSCCL हे और इंडियन क्लिअरिंग कॉरपोरेशन BSE यानी बॉम्बे स्टॉक एस्कचेंज की सब्सिडियरी है।
इनका काम यह सुनिश्चित करणा है की शेअर बेचने वाले के डिमैट अकाऊंट से निकलकर खरीदने वाले के डिमैट अकाऊंट में चले जाए और खरीदने वाले के बैंक से पैसे निकलकर बेचने वाले के अकाऊंट मे चले जाए।
कंपनीज स्टॉक मार्केट में लिस्ट कैसे होती है ?
जो कंपनी स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना चाहती है वह सबसे पहले मर्चेंट बैंक (Merchant bank) के पास जाती है। मर्चेंट बैंक कंपनी को IPO लाने में मदद करता है।
तो दोस्तों जैसा कि किसी भी कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए उस स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होना पड़ता है। लेकिन वहा पर लिस्ट होने से पहले कंपनी को देश के रेगुलेटर यानी सेबी (SEBI) कि अनुमति (Permission) लेनी पड़ती है।
सेबी (SEBI) के अनुमति के बाद कंपनी अपने शेअर्स IPO के जरिए प्रायमरी मार्केट में लाती है। यहां पर आप और हम जैसे निवेशक IPO में invest करते है। और यही IPO स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होता है।
इसी प्रोसेस को कंपनी का स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना कहते है।
BSE और NSE स्टॉक एक्सचेंजेस पर कितनी कंपनीज लिस्टेड है ?
BSE पर 5,400 से ज्यादा कंपनीज लिस्टेड है और NSE पर 1,600+ कंपनीज लिस्टेड हैं. दोनों एक्सचेंजेस पर लिस्टेड कंपनीज कि संख्या 7,400 से च्यादा है. मतलब आप इन सात हजार चार सौ लिस्टेड कंपनीज में से किसी में भी निवेश कर सकते है.
Stock market में कंपनीज लिस्ट क्यूं होती है ?
स्टॉक मार्केट में कंपनी को लिस्ट करने के पिछे कही कारण हो सकते है. लेकिन कंपनी का मुख्य उद्देश्य स्टॉक मार्केट से पैसे जुटाना होता है. कंपनी पैसे के बदले अपना कुछ हिस्सा स्टॉक मार्केट में बेचने के लिये निकालती है.
जब कंपनी पहली बार share market में लिस्ट होती है तो इसे ही IPO कहा जाता है. मतलब कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट होने के लिए IPO लाना पडता है. IPO का मतलब होता है इनिशियल पब्लिक ऑफर (Initial public offering)
स्टॉक मार्केट में रेगुलेटर की भूमिका
जैसे की आप जाणते है जहा पैसे की बात आती है वहा पर फ्रॉड और धोकाधडी होने की संभावना भी उतनीही बढ जाती है और स्टॉक मार्केट में एसा ना हो इसलीए रेगुलटर कि जरूरत पडती है।
भारत में शेअर बाजार का रेगुलेटर है भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ( The Securities and Exchange Board of India- SEBI ) जिसे हम सेबी के नाम से भी जानते है। सेबी का उद्देश्य है कि निवेशकों के हित के लीए काम करणा तथा निवेशकों के हितों कि रक्षा करणा।
इसके अलावा सेबी के कुछ और भी काम है जैसे :-
- दोनों स्टॉक एक्सचेंजेस BSE और NSE अपना काम सही तरीके से करे यह सुनिश्चित करना
- शेअर बाजार में हिस्सा लेने वाले लोग कोई गलत काम ना करे
- किसी कंपनी में किसी प्रकार का फ्रॉड ना हो यह सुनिश्चित करणा
- छोटे निवेशकों के हित की रक्षा करणा
- बडे निवेशक जिनके पास बहुत पुंजी/पैसा है वो मार्केट को अपने हिसाब से हेरा-फेरी ना कर पाए
- पुरे स्टॉक मार्केट पर नजर रखना
स्टॉक ब्रोकर कौन होता है ?
दोस्तो स्टॉक ब्रोकर के बारे में आपने बहुत कुछ सुना होगा आखीर स्टॉक ब्रोकर होता कौन है?
तो दोस्तो स्टॉक ब्रोकर को आप स्टॉक मार्केट का दलाल भी कह सकते है। यह स्टॉक मार्केट का एक महत्त्वपूर्ण भाग होता है। इसके मदत के बीना आप स्टॉक मार्केट में निवेश नहीं कर सकते।
यह एक मार्केट का मीडल मैन होता है जो ट्रेडिंग मेंबर के तौर पर रजिस्टर्ड होता है, इसके पास स्टॉक ब्रोकिंग का लाइसेंस होता है और ये सेबी के नियमों के तहत काम करता हैं।
स्टॉक ब्रोकर एक प्रकार से शेअर बाजार का दरवाजा होता है. शेअर बाजार में आने से पहले आपको किसी ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाऊंट खोलना जरूरी है। आप ब्रोकर अपनी मर्जी से चुन सकते है।
जब आप ट्रेडिंग अकाऊंट खोलते हे तो उसके सात हि आपका डिमैट अकाऊंट भी खुल जाता है. डिमेट अकाऊंट मतलब जहा पर आपके शेअर्स डिजिटल रूप में स्टोर हो सके। इन शेअर्स को रखने के लिए भी हमारे देश मे दो डिजिटरीज है।
NSDL और CDSL. यह दो कंपनीज भारत में हमारे Share’s को डिजिटल रूप में रखने का काम करती है. जैसे बैंक में हमारे पैसे होते हे वैसे ही इन कंपनीज में हमारे शेअर्स होते है। जिन्हे हम हमारे ब्रोकर के ट्रेडिंग अकाऊंट से देख सकते है।
तो दोस्तो यह थी स्टॉक मार्केट की वो बेसीक जानकारी जो आप को पता होनी चाहिए. एसेही स्टॉक मार्केट की और भी जानकारी के लिए हमारे साथ बने रहे.