आंतरिक मूल्य, जिसे Intrinsic Value भी कहा जाता है, किसी स्टॉक या संपत्ति की वास्तविक मूल्यांकन है, जो निवेशकों की धारणाओं से परे होती है। यह मूल्य कंपनी, स्टॉक, करेंसी, या अन्य एसेट्स के मूलभूत विश्लेषण पर आधारित होता है, जिसमें सभी मूर्त और अमूर्त कारकों का ध्यान रखा जाता है। आंतरिक मूल्य को अक्सर वास्तविक मूल्य कहा जाता है, जो वर्तमान बाजार मूल्य से भिन्न हो सकता है। यह उस मूल्य को दर्शाता है जिसे एक समझदार निवेशक किसी एसेट के लिए भुगतान करने को तैयार होता है, जोखिम के आधार पर।
मूल्य निवेश के इतिहास में आंतरिक मूल्य की भूमिका
बेंजामिन ग्रैहम और वॉरेन बफेट को मूल्य निवेश के पुरोधा माना जाता है। ग्रैहम की प्रसिद्ध पुस्तक द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर ने वॉरेन बफेट समेत कई निवेशकों को आंतरिक मूल्यांकन के महत्व को समझाया। “इंट्रिन्सिक” शब्द का अर्थ है किसी चीज की मूल प्रकृति। इस शब्द के पर्यायवाची हैं इन्नेट, इन्हेरेंट, नेटिव, नेचुरल, डीप-रूटेड आदि।
आंतरिक मूल्य क्यों महत्वपूर्ण है?
निवेशक अक्सर स्टॉक की मौजूदा कीमतों के आधार पर निर्णय लेते हैं, लेकिन यह एसेट की पूरी तस्वीर नहीं देता है। आंतरिक मूल्य के आधार पर, निवेशक यह आकलन कर सकते हैं कि कोई स्टॉक वास्तविकता में क्या मूल्य रखता है। यह उन निवेशकों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो अंडरवैल्यूड स्टॉक्स या डिस्काउंटेड इन्वेस्टमेंट्स की तलाश में रहते हैं।
आंतरिक मूल्य की गणना: एक विस्तृत दृष्टिकोण
आंतरिक मूल्य की गणना आमतौर पर किसी फर्म या निवेश एसेट के भविष्य के नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) को उपयुक्त डिस्काउंट दर पर छूट देकर की जाती है। इसका फॉर्मूला निम्नलिखित है:
NPV=∑i=0n(1+r) CFi/(1+r)i
जहां:
- NPV = नेट प्रेजेंट वैल्यू
- CFi = ith अवधि के लिए नेट कैश फ्लो
- r = ब्याज दर
- n = अवधियों की संख्या
इसके अलावा, विकल्पों के लिए आंतरिक मूल्य को इस फॉर्मूले के आधार पर भी गणना की जा सकती है:
Intrinsic Value=(Stock Price−Option Strike Price)×Number of Options
आंतरिक मूल्य निर्धारण में जोखिम का समायोजन
आंतरिक मूल्य की गणना करते समय, नकदी प्रवाह को समायोजित करने का जोखिम भी शामिल होता है। यह एक कला और विज्ञान का मेल है। इसके लिए दो प्रमुख दृष्टिकोण हैं:
- डिस्काउंट रेट: इसमें कंपनी की वज़नबद्ध पूंजी की औसत लागत का उपयोग किया जाता है, जिसमें जोखिम-मुक्त दर को जोड़कर जोखिम समायोजित किया जाता है।
- निश्चितता कारक: प्रत्येक नकदी प्रवाह को एक निश्चितता कारक या संभावना दी जाती है, जिसे फिर पूरी नेट प्रेजेंट वैल्यू द्वारा गुणा किया जाता है।
आंतरिक मूल्य का विरोध: तकनीकी विश्लेषण की पसंद
हालांकि आंतरिक मूल्य निवेशकों के लिए एक मूल्यवान टूल है, लेकिन तकनीकी विश्लेषक इसे मान्यता नहीं देते हैं। उनके अनुसार, भविष्य के बाजार रुझानों का अनुमान केवल पिछली कीमतों के मूवमेंट से लगाया जा सकता है। वे इस पर विश्वास करते हैं कि:
- इंट्रिन्सिक वैल्यू अस्थिर हो सकती है: कंपनी के फंडामेंटल्स के आधार पर की गई आंतरिक मूल्य की गणना एक अनुमान होती है, जो भविष्य में बदल सकती है।
- मार्केट वैल्यू और आंतरिक वैल्यू का मेल जरूरी नहीं है: बाजार की धारणा और निवेशकों की राय आंतरिक मूल्य की सराहना को प्रभावित कर सकती है।
- सभी एसेट क्लास के लिए आंतरिक वैल्यू का अनुमान संभव नहीं है: कुछ एसेट क्लास, जैसे कि धातुएं और मुद्राएं, आंतरिक मूल्य के आकलन के लिए उपयुक्त नहीं होती हैं।
निष्कर्ष
आंतरिक मूल्य निवेशकों को स्टॉक्स और अन्य एसेट्स का मूल्यांकन करने में एक गहरा दृष्टिकोण प्रदान करता है, लेकिन यह हर समय और हर परिस्थिति में सबसे उपयुक्त दृष्टिकोण नहीं हो सकता। यह निवेशकों को संभावित जोखिम और लाभ का व्यापक दृष्टिकोण देता है, जिससे वे अधिक सूचित निर्णय ले सकते हैं। दूसरी ओर, तकनीकी विश्लेषण अपने विशिष्ट लाभों के साथ बाजार के रुझानों की अधिक संक्षिप्त और स्पष्ट समझ प्रदान करता है। निवेश के दृष्टिकोण में दोनों विधियों का सही मिश्रण ही सबसे प्रभावी परिणाम दे सकता है।